रोहतक के टिटौली में त्रासदी, दस दिनों में 32 लोगों की मौत
अंदेशा जताया जा रहा है कि मरने वाले कोरोना से संक्रमित थे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक इसकी पुष्टी नहीं की है। ग्रामीण भी भय के साये में हैं, कि आखिर गांव में हो क्या रहा है। टिटौली में 23 अप्रैल से चार मई की शाम तक 32 लोगों की संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है।

बुधवार को टिटौली पहुंचे अधिकारी।
अमरजीत एस गिल : रोहतक
शहर से सटे टिटौली गांव में मौत ने कोहराम मचा रखा है। यहां सिर्फ दस दिनों में ही 32 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 9 लोगों ने दम तोड़ दिया है। गांव में इस भीषण त्रासदी को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम तीन दिन से गांव में ही डेरा डाले हुए हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी मौत का कारण नहीं बता पा रहा। अंदेशा जताया जा रहा है कि मरने वाले कोरोना से संक्रमित थे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक इसकी पुष्टी नहीं की है। ग्रामीण भी भय के साये में हैं, कि आखिर गांव में हो क्या रहा है। टिटौली में 23 अप्रैल से चार मई की शाम तक 32 लोगों की संदिग्ध हालात में मौत हो चुकी है।
गांव में मुनादी सभी जांच कराएं
गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीमें डटी हुई हैं। शनिवार, रविवार और मंगलवार को लोगों का स्वास्थ्य जांचकर कोविड-19 के टेस्ट किए हैं। विडम्बना यह है कि लोग लगातार मौत का शिकार हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी टेस्ट करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। सोमवार को गांव मुनादी करवाई कि सभी कोरोना टेस्ट करवा लें। लेकिन 5 घंटे में मात्र 40 लोग टेस्ट करवाने पहुंचे। वहीं बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने गांव में पहुंच कर बैठक की।
कई की हालत नाजुक
गांव में सैकड़ाें लोग बीमार हैं। कई की हालत नाजुक बनी हुई है। ग्रामीण बताते हैं कि पहले मरीज को खासी-जुकाम होता है। उसके बाद हल्का बुखार आने लगता है, जो दो-तीन दिन तक रहता है। इसके बाद सांस उखड़ने लगती हैं और व्यक्ति दम तोड़ देता है। मरने वालों में सभी समुदाय के लोग शामिल हैं। ग्रामीण श्मशान और कब्रिस्तान के बीच खड़े हैं।
घरों से बाहर न निकलें लोग
प्रशासन गांव पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं। सेनिटाइजेशन करवा दिया गया है। मैं लाेगों से अनुरोध करूंगा कि वे घरों से बाहर न निकलें। कोविड को लेकर जो भी इंतजाम प्रशासन द्वारा किए जा सकते हैं, वे कर दिए गए हैं। बुधवार से गांव में जांच भी शुरू हो सकती है। -राजपाल चहल, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, लाखनमाजरा
हालात खराब : गांव के हालात हो रहे हैं। प्रशासन गांव में कोविड केयर सेंटर बनाए। जब तक यह नहीं होगा, तब बीमारी पर काबू पाना कठिन होगा। - चांद सिंह कुंडू, सदस्य, लाखनमाजरा पंचायत समिति
अधिकांश संक्रमित नहीं : जो लोग मरे हैं, उनमें से अधिकांश पॉजिटिव नहीं थे। गांवों को कंटमेंट जोन घोषित करने के लिए प्रशासन को संस्तुति भेज दी है। - डॉ. कुलदीप सिंह, एसएमओ, सीएचसी चिड़ी