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Pawan Singh: भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने गुरुवार, 9 मई को काराकाट लोकसभा क्षेत्र से नामांकन भर दिया। चुनावी मैदान में पवन सिंह की एंट्री से भाजपा की टेंशन बढ़ गई है। अब, काराकाट लोकसभा क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है।

Pawan Singh: भोजपुरी सिंगर पवन सिंह ने गुरुवार, 9 मई को काराकाट लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया। नामांकन सभा में हजारों की संख्या में लोग पवन सिंह का समर्थन करने पहुंचे। हर तरफ आज पवन सिंह का चर्चा रहा। अब, पवन सिंह द्वारा पर्चा भरने के बाद काराकाट लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय हो गया है। पवन सिंह का चुनावी मैदान में उतरने से सबसे ज्यादा नुकसान की चिंता एनडीए समर्थित राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को सता रहा है।

पवन सिंह के नामांकन में उमड़ा जनसैलाब
सोशल मीडिया पर पवन सिंह के नामांकन का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। नामांकन के लिए पवन सिंह कई भोजपुरी कलाकारों और हजारों समर्थकों के साथ जिला मुख्यालय सासाराम पहुंचे थे। भीड़ ज्यादा होने के कारण पुलिस वालों को काफी मशक्कत करना पड़ा। पवन सिंह ने अपने नामांकन सभा में हजारों की भीड़ जुटाकर भाजपा और इंडी गठबंधन को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की।

काराकाट में त्रिकोणीय मुकाबला
भोजपुरी स्टार द्वारा नामांकन किए जाने से काराकाट लोकसभा सीट का मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है। जहां एक तरफ एनडीए ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को कौराकाट से मैदान में उतारा है, तो वहीं दूसरी तरफ इंडी गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में माले के राजाराम सिंह ताल ठोक रहे हैं।

बीजेपी में रहते हुए पवन सिंह ने किया निर्दलीय भरा पर्चा
बता दें कि, पवन सिंह लंबे समय से भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं। वह कई चुनावों भाजपा के लिए प्रचार-प्रसार करते नजर आए हैं। भाजपा ने इस बार पवन सिंह को बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन पवन सिंह ने टिकट लौटा दिया था। वह बिहार के किसी सीट से टिकट पाना चाहते थे, लेकिन भाजपा की सीट शेयरिंग फॉर्मूले में पावर स्टार फीट नहीं हुए और उन्हें टिकट नहीं मिला। इसके बाद क्या था पवन सिंह ने भाजपा में होते हुए बिहार के काराकाट लोकसभा सीट से ताल ठोक दिया है।

बता दें कि, काराकाट लोकसभा क्षेत्र में सातवें चरण में 1 मई को मतदान होने हैं। देखना होगा कि पवन सिंह अपनी रैलियों में उमड़ रहे हुजूम को वोटों में तब्दील कर पाते हैं या नहीं। 4 जून को 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।

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