किसान परेशान : गेहूं की बिजाई का समय सिर पर, डीएपी के सरकारी गोदाम खाली
डीएपी की किल्लत सरसों की बिजाई शुरू होने के साथ ही शुरू हो गई थी। पैक्स शाखाओं में आने वाला डीएपी खाद हाथों-हाथ उठ गया था। कई किसानों ने पहले ही दौर में डीएपी का स्टॉक कर लिया था। इसके बाद बचे हुए किसानों को इसके संकट का सामना करना पड़ रहा है।

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी
गेहूं की बिजाई का समय आ चुका है। बिजाई से पहले किसानों को डीएपी खाद की आवश्यकता होती है। अधिकांश किसान डीएपी खाद के लिए पैक्स शाखाओं पर डिपेंड हैं, परंतु जिले की किसी भी पैक्स शाखा में खाद उपलब्ध नहीं है। जरूरतमंद किसानों को ओपन मार्केट से खाद की खरीद करनी पड़ रही है, जिसकी गुणवत्ता पर भी आंखें बंद करके विश्वास नहीं किया जा सकता।
जिले के किसान लगभग 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर सरसों और 35 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती करते हैं। दोनों फसलों की बिजाई से पहले किसानों को खाद की बिजाई करनी पड़ती है। डीएपी की किल्लत सरसों की बिजाई शुरू होने के साथ ही शुरू हो गई थी। पैक्स शाखाओं में आने वाला डीएपी खाद हाथों-हाथ उठ गया था। कई किसानों ने पहले ही दौर में डीएपी का स्टॉक कर लिया था। इसके बाद बचे हुए किसानों को इसके संकट का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को पैक्स शाखाओं से लोन पर खाद उपलब्ध हो जाता है। सहकारी समितियों को इफको और कृभको कंपनियों का खाद विपणन समितियों की ओर से खरीदकर उपलब्ध कराया जाता है। इन दोनों ही खाद की गुणवत्ता को विश्वसनीय माना जाता है।
अभी तक सरसों की बिजाई का कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। कृषि विभाग के अनुसार सरसों की 90 फीसदी तक बिजाई हुई है, जबकि गेहूं की बिजाई शुरू होने में अभी कुछ दिन का समय और लग सकता है। कृषि विशेषज्ञ गेहूं की बिजाई का सही समय 5 नवंबर के बाद का मान रहे हैं, परंतु बड़ी संख्या में किसानों को डीएपी के लिए भटकना पड़ रहा है। सरसों की बिजाई करने वाले किसानों को मार्केट से दूसरे ब्रांड का महंगा खरीदना पड़ रहा है। पैक्स शाखाओं की ओर से डीएपी की डिमांड भेजे हुए काफी दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक खाद की आपूर्ति नहीं हो पाई है। अधिकारियों के अनुसार इफको का रैक आने में अभी एक सप्ताह तक का समय और लग सकता है।
राजस्थान भी बढ़ा रहा किल्लत
राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों के किसान डीएपी के लिए हरियाणा के साथ लगते हुए इलाकों पर निर्भर रहते हैं। वहां खाद की ज्यादा किल्लत होने के कारण वह अपने हरियाणा के रिश्तेदारों के मार्फत खाद की अतिरिक्त खरीद कराते हैं। इससे जिले के लिए आने वाला खाद का कोटा कम पड़ जाता है। खाद की एलोकेशन कृषि विभाग की ओर से फसलों के रकबे के आधार पर भेजी जाती है। इस बार भी बड़ी संख्या में यहां का डीएपी राजस्थान जा चुका है, जिस कारण इसकी किल्लत महसूस की जा रही है।
अगले सप्ताह डीएपी आने की उम्मीद
इफको कंपनी का खाद अगले सप्ताह तक पहुंचने की उम्मीद है। अभी बाजार में डीएपी उपलब्ध है। पैक्स शाखाओं में ही इसकी कमी है। 90 फीसदी तक किसान सरसों की बिजाई कर चुके हैं। गेहूं की बिजाई शुरू होने के बाद डीएपी आ जाएगा, जिससे किसानों को परेशानी नहीं होगी। -जसविंद्र सैनी, कृषि उपनिदेशक।