नारनौल : रिश्वत लेने का आरोपी क्लर्क सबूतों के अभाव में बरी, विजिलेंस की कार्रवाई पर उठे सवाल, जानें पूरा मामला
विजिलेंस ने सितंबर-2021 में एसडीएम कार्यालय में कार्यरत क्लर्क को दो हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। क्लर्क पर आरोप था कि आवेदनकर्ता से आरसी कैंसिल करवाने के नाम पर तीन हजार की डिमांड की गई।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
विजिलेंस ने सितंबर-2021 में एसडीएम कार्यालय में कार्यरत क्लर्क को दो हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था। क्लर्क पर आरोप था कि आवेदनकर्ता से आरसी कैंसिल करवाने के नाम पर तीन हजार की डिमांड की गई। यह मामला एडीजे डा. अब्दुल माजिद की कोर्ट में विचाराधीन था। शुक्रवार को दोनों पक्षों की डेढ़ घंटे की बहस में विजिलेंस टीम पुख्ता सबूत पेश नहीं कर पाई। रिकार्ड में कुछ कार्रवाई की गई और मौके पर कुछ कार्रवाई किए जाने की बात सामने आ रही है। आरोपित क्लर्क को पकड़ने के बाद दोबारा सरल केंद्र व आरोपित के आफिस में जाकर पैसा बरामद करने पर भी अदालत में सवाल उठे, जिनका विजिलेंस टीम वास्तविकता से जवाब नहीं दे पाई। सबूतों के अभाव के चलते आरोपित क्लर्क को अदालत ने बरी करने का फैसला सुनाया है।
यह था मामला
गांव पटीकरा के संदीप यादव की शिकायत थी कि उसने एक गाड़ी मारूति रियाज वर्ष 2017 में खरीदी थी। उसकी आरसी एचआर-35एन9596 उसके नाम से रजिस्टर्ड है। ये गाड़ी चोला मंगलम कंपनी से फाइनेंस करवा रखी थी। इस गाड़ी का एक्सीडेंट 26 जून 2021 को हो गया था। इस गाड़ी का इन्श्योरेंस बजाज एलान्ज कंपनी से था। इंश्योरेंस कंपनी ने गाड़ी रिपेयर ना करके टोटल लोस करार दिया और बजाज की तरफ से गाड़ी की आरसी कैंसल करवाने के लिए कहा गया। इसके लिए छह सितंबर 2021 को अपनी फाइल तैयार करके एसडीएम कार्यालय नारनौल के कमरा नंबर 11 में जमा करवा दी। फाइल में फाइनेंस कंपनी की एनओसी तथा 35ए फार्म पहले ही प्राप्त करके लगा दिया था। इसके बाद 14 सितंबर को वह अपनी फाइल के संबंध में एसडीएम कार्यालय के कमरा नंबर 11 आरसी क्लर्क बलजीत सिंह के पास गया।
अपनी आरसी कैंसिल कराने के संबंध में बातचीत की तो बलजीत सिंह ने बताया कि आपकी गाड़ी की इन्योरेंस खत्म हो गई है। एचपी लोन भी नहीं उतरा है। जवाब में कहा कि फाइल में फाइनेंस कंपनी से फार्म 35ए लगाया हुआ है तो उसने कहा इसकी फीस कटेगी। फीट कटाने के लिए हां कर दी तो उसने एक हजार रुपये ले लिए और फाइल पर 480 रुपये लिखकर फाइल देकर रसीद कटवाने के लिए भेज दिया। रसीद कटवा कर फाइल वापिस बलजीत को दे दी। बलजीत ने कहा कि यदि काम करवाना है तो 17 सितंबर को दो हजार ओर लेकर के आ जाना। काम हो जाएगा और आरसी कैंसिल का प्रमाण पत्र उसी समय दे दिया जाएगा। इस कर्मचारी से कोई दुश्मनी नहीं है और ना ही कोई लेनदेन बाकी है। इस कर्मचारी को वह रिश्वत नहीं देना चाहता। इसी शिकायत पर विजिलेंस टीम ने 17 सितंबर 2021 को कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता को 500-500 के चार नोट देकर भेजा। आरोप था कि जैसे ही क्लर्क ने यह राशि पकड़ी, इशारा मिलते ही विजिलेंस नारनौल के इंचार्ज निरीक्षक नवलकिशोर शर्मा की टीम ने इस दो हजार की राशि को लेते हुए आरोपित क्लर्क बलजीतसिंह को रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपित र्क्लक बलजीत सिंह को पकड़कर विजिलेंस टीम कार्यालय लेकर गई।
जो दस्तावेज पेश किए, उनमें मिली गई अनियमितताएं
आरोपित पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश महता से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि रेड की जो प्रक्रिया दिखाई गई, वो नियमानुसार सही नहीं पाई गई। रेड से संबंधित जो भी दस्तावेज विजिलेंस ने पेश किए, उनमें कई अनियमितताएं सामने आई। विजिलेंस की ओर से जो अदालत में गवाह पेश हुए है, उनमें भी काफी विरोधाभास पाया गया। इसके अलावा विजिलेंस ने रेड की कार्रवाई दिखाई, वह वास्तविकता से मेल नहीं खाती। इसलिए उसे विश्वसनीय ना मानकर न्यायालय ने आरोपित बलजीत को बरी कर दिया।