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मौत की वजह कौन सा वेरिएंट, अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों की होगी जीनोम सिक्वेंसिंग

कोरोना की तीसरी लहर में मौत की वजह कौन सा वैरिएंट था, इसकी जांच की जाएगी। सभी निजी तथा सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण की वजह से भर्ती गंभीर मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वैसिंग के लिए भेजे जाएंगे। केंद्र सरकार से मिली इस गाइडलाइन के बाद आदेश जारी किया गया है।

मौत की वजह कौन सा वेरिएंट, अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों की होगी जीनोम सिक्वेंसिंग
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रायपुर. कोरोना की तीसरी लहर में मौत की वजह कौन सा वैरिएंट था, इसकी जांच की जाएगी। सभी निजी तथा सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण की वजह से भर्ती गंभीर मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वैसिंग के लिए भेजे जाएंगे। केंद्र सरकार से मिली इस गाइडलाइन के बाद आदेश जारी किया गया है।

कोरोना की तीसरी लहर के दौरान भले ही मौत के आंकड़े कम हैं मगर यह को-मार्बिडिटी तथा वृद्ध और वैक्सीन नहीं लगाने वालों के लिए मौतें लगातार हो रही है। ऐसे लोगों की कोरोना जांच के दौरान रिपोर्ट पॉजिटिव भी आ रही हैं। स्वास्थ्य विभाग अब इस बात का पता लगाएगा कि मौत की वजह कोरोना का कैन सा वैरिएंट बना। किसी मरीज की मौत के बाद उसका सैंपल लेना संभव नहीं है। इसलिए गंभीर हालत में उपचार के लिए अस्पताल पहुंचने वाले सभी मरीजों के सैंपल लेकर जीनोम सिक्वैसिंग के लिए भुवनेश्वर लैब भेजे जाएंगे।

भुवनेश्वर भेजे जाते हैं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली गाइडलाइन के आधार पर मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। अब तक के अध्ययन के आधार पर विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन कम जानलेवा है, लेकिन दूसरी लहर में आतंक मचाने वाला डेल्टा वैरिएंट अभी भी प्रदेश में मौजूद हैं। अब तक स्वास्थ्य विभाग कुल संक्रमित मरीजों के पांच फीसदी सैंपल क्लस्टर आधार पर जांच के लिए भुवनेश्वर लैब भेजे जाते हैं।

निर्देश दिए गए

सभी शासकीय और निजी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि गंभीर स्थिति में आने वाले कोरोना संक्रमित सभी मरीजों के सैंपल जीनोम सिक्वैसिंग के लिए भेजे जाएं।

- डॉ. सुभाष मिश्रा, प्रवक्ता स्वास्थ्य विभाग

राजधानी की युवती में ओमिक्रॉन

मंगलवार को भुवनेश्वर लैब से मिली रिपोर्ट में रायपुर की एक युवती के ओमिक्राॅन संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। युवती 28 दिसंबर को यूएई से लौटी थी। गाइडलाइन के पालन के आठवें दिन उसने प्रायवेट लैब में अपनी जांच कराई तो पॉजिटिव मिली थी। वहीं से सैंपल जीनोम सिक्वैसिंग के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट मिलने तक वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है। रायपुर जिले में अब ओमिक्राॅन के नौ केस मिल चुके हैं और प्रदेश में 37 केस आएं हैं।

लैब की मान्यता का इंतजार

प्रदेश में तीसरी लहर अब स्थिर हो चुकी है मगर अब तक यहां के किसी भी वायरोलॉजी लैब को जीनोम स्किवैसिंग की मान्यता नहीं दी गई है। प्रदेश अभी भी भुवनेश्वर लैब के भरोसे है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा कई बार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इस संबंध में आग्रह किया जा चुका है। वैरिएंट संबंधी रिपोर्ट जब तक भुवनेश्वर लैब से स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचती है, तब तक काफी देर हो जाती है। पाजिटिव लक्षण आधार दवाओं के जरिए स्वस्थ्य हो जाता है।

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