जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम बिहार राम ने छोड़ी जदयू, थामा रालोसपा का दामन
बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को बड़ा झटका लगा है। जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष व चेनारी के पूर्व विधायक श्याम बिहारी राम ने जदयू को बाय-बाय कर दिया व रालोसपा का दामन थाम लिया है।

श्याम बिहारी राम चेनारी विधानसभा से 2010 से 2015 तक जदयू के विधायक रहे। लेकिन 2015 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया। श्याम बिहारी राम ने डेहरी में रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा की मौजूदगी में रविवार को आयोजित मिलन समारोह में रालोसपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। श्याम बिहारी राम ने बताया कि वे लगातार संगठन के लिए काम कर रहे थे। फिर भी पार्टी उन्हें अहमियत नहीं दे रही थी।
जदयू छोड़कर रालोसपा का दामन थामे श्याम बिहारी राम ने कहा कि सरकार की तमाम योजनाएं धरातल पर उतरने के बजाय असफल हो रही हैं। ऐसे में कार्यकर्ता अपने आप को पूरी तरह से ठगा महसूस कर रहे हैं। अब जदयू में उनके जैसे जुझारू कार्यकर्ताओं के लिए कोई स्थान नहीं है।
रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने श्याम बिहारी राम का अपनी पार्टी में स्वागत किया व कहा कि उनके आने से खासकर शाहाबाद के क्षेत्र में रालोसपा को और मजबूती मिलेगी। श्याम बिहारी राम एक जुझारू कार्यकर्ता हैं व जमीन से जुड़े हुए हैं। वे शुरू के दिनों से ही संघर्षशील नेता रहे हैं पर नीतीश कुमार ने कभी भी जमीनी व संघर्षशील नेताओं को तवज्जो नहीं दी। यही वजह है कि बारी-बारी से उनके तमाम मजबूत सहयोगी साथ छोड़ कर जा रहे हैं।
वर्ष 2010 में जदयू के टिकट से श्याम बिहारी राम पहली बार विधायक बने। उन्होंने चेनारी सुरक्षित विधानसभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद प्रत्याशी ललन पासवान को हराया था। पर 2015 के विधानसभा चुनाव में चेनारी सीट रालोसपा के खाते में चली गई। जहां 2010 का विधानसभा चुनाव राजद की टिकट से हार चुके ललन पासवान रालोसपा का दामन थाम कर चेनारी में 2015 में मैदान में आ गए। सीट गठबंधन में जाने पर श्याम बिहारी राम का टिकट कट गया। लेकिन फिर भी श्याम बिहारी राम जदयू में बने रहे व संगठन के लिए लगातार काम करते रहे। बदलते घटनाक्रम के साथ रालोसपा के विधायक रहे ललन पासवान जदयू में चले गए। ऐसे में अब चेनारी सीट पर जदयू के सीटिंग विधायक ललन पासवान हो गए। जदयू में ललन पासवान का कद अचानक बड़ा होने के कारण श्याम बिहारी राम को अपना राजनीतिक भविष्य अंधकार में दिखने लगा। ऐसी स्थिति में श्याम बिहारी राम ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में जाना मुनासिब समझा।