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करवाचौथ पर्व पर काेरोना को भुली महिलाएं, बाजारों में जबरदस्त भीड़

करवाचौथ पर्व महिलाओं के लिए बेहद खास है। कोरोना महामारी के कारण इस बार महिलाएं पहले की तरह त्योहार को नहीं मना रही हैं। फिर भी बाजारों में इतनी भीड़ हो गई कि देखकर यह बिल्कुल नहीं लग रहा कि लोगों में कोरोना जैसी महामारी का कोई डर बाकी रह गया है।

करवाचौथ पर्व पर काेरोना को भुली महिलाएं, बाजारों में जबरदस्त भीड़
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करवाचौथ पर्व पर शिमला के बाजारों में भीड़ का एक दृश्य।

करवाचौथ पर्व महिलाओं के लिए बेहद खास है। कोरोना महामारी के कारण इस बार महिलाएं पहले की तरह त्योहार को नहीं मना रही हैं। फिर भी बाजारों में इतनी भीड़ हो गई कि देखकर यह बिल्कुल नहीं लग रहा कि लोगों में कोरोना जैसी महामारी का कोई डर बाकी रह गया है। शिमला का लोअर बाजार खचाखच लोगों से भरा हुआ था, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि दुकानों के अंदर लोग नहीं जा रहे और बाहर जो स्टॉल लगे थे, उन्हीं पर ही भीड़ लगाकर खरीदारी कर रहे हैं। जगह जगह दुकानदारों ने सुहागी, करवों, मट्ठी और फेनियों के स्टॉल लागए है , जहां महिलाएं जमकर खरीदारी कर रही हैं।

करवा चौथ के लिए नए कपड़े से लेकर मैचिंग चूड़ियां, सुहागी,करवा,नारियल समेत अन्य सामग्री की भी खरीदारी हो रही है। इसके साथ ही महिलाएं बाजार से करवा चौथ की सरगी ओर पूजा का सामान भी खरीद रहे हैं। बाजारों में हरबार जितनी ही भीड़ इस करवाचौथ में भी नजर आ रही है। कोरोना महामारी का कोई असर यहां देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन इतनी भीड़ होने के बाद भी कारोबार मंदा पड़ा है।

कारोबारियों का कहना है कि बाजारों में भीड़ तो भले ही है, लेकिन कारोबार बीते वर्ष के मुकाबले 70 से 80 फीसदी कम है। भीड़ बाजारों में तो है, लेकिन खरीदारी बेहद ही सोच समझ कर रहे है। करवाचौथ के लिए बहुत कम चीजें महिलाएं खरीद रही है। महिलाओं का कहना है कि करवाचौथ का पर्व उनके लिए बेहद खास है, लेकिन कोरोना की वजह से वह इस दिन को जितना खास तरीके से आसपड़ोस की महिलाओं के साथ मनाती थी, वह इस बार नहीं हो पाएगा।

बाजारों में खरीदारी के लिए पहुंची महिलाओं ने यह खुद भी माना कि बाजारों में किसी भी तरह कि सोशल डिस्टेसिंग नहीं है और भीड़ भी बहुत ज्यादा है,लेकिन अब यह व्रत खास है तो इसकी खरीदारी भी उन्हें करनी है। इस बार रिज मैदान पर रात को 8 बज कर 6 मिनट पर चांद देखा जा सकता है। खास बात यह है कि इस बार व्रत के समय में भद्रा नहीं है। जिसके चलते चांद देखने पर व्रत तोड़ा जा सकता है। रिज पर किसी भी तरह के कार्यक्रम पर रोक रहेग।

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