राकेश टिकैत बोले- सरकार ने किसानों को उठाया तो पूरे देश में करेंगे सुताई
राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि इस आंदोलन को तोड़ने के लिए नई नई चाल चली जा रही है। वर्तमान में कोविड-19 की चाल चली जा रही है कोविड-19 का किसान आंदोलन से क्या मतलब। जिसे कोई दिक्कत होगी तो वह अस्पताल में जाकर इलाज करवा लेगा।

वकीलों द्वारा किसानों के समर्थन में दिए जा रहे धरने पर पहुंचे राकेश टिकैत।
हरिभूमि न्यूज : हिसार
किसान नेता राकेश टिकैत ( Rakesh tikait) ने कहा कि न आंदोलन कमजोर पड़ेगा नहीं आंदोलनकारी पीछे हटेंगे। जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापिस नहीं लेगी तब तक आंदोलनकारी बॉर्डर पर डटे रहेंगे। राकेश टिकैत हिसार कोर्ट परिसर में वकीलों द्वारा किसानों के समर्थन में दिए जा रहे धरने को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि देश को बेचने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम देश को बिकने नहीं देंगे। यह आंदोलन देश बचाने का आंदोलन है। देश को आजाद कराने के लिए बुजुर्गों ने लड़ाई लड़ी। मौजूदा आंदोलन साइलेंट आंदोलन है।
राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि इस आंदोलन को तोड़ने के लिए नई नई चाल चली जा रही है। वर्तमान में कोविड-19 की चाल चली जा रही है कोविड-19 का किसान आंदोलन से क्या मतलब। जिसे कोई दिक्कत होगी तो वह अस्पताल में जाकर इलाज करवा लेगा। जहां हम धरना दे रहे हैं वह हमारा घर है, हमारी कॉलोनी है, हम इसे किसी भी सूरत में मांगे पूरी नहीं होने तक खाली नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यह शाहीन बाग नहीं है जो डरा धमका कर खाली करवा लोगे, जहां तक क्लीन स्वीप अभियान चलाने की बात चल रही है तो मैं बता देना चाहता हूं कि सरकार ने अगर ऐसी कोई गलती की तो पूरे देश में सुताई अभियान चलेगा। हरियाणा में तो पहले से ही यह अभियान चल रहा है।
टिकैत ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों के बाद बिजली और दूध एग्रीमेंट को लेकर बिल ला रही है। धीरे धीरे देश के विश्वविद्यालयों को भी ठेके पर दे दिए जाएंगे। हालत यह होंगे कि जो शिक्षक आज सवा लाख ले रहा है उसे 30000 रुपये ठेके पर काम करना होगा। समय रहते समाज के सभी वर्गों को मिलकर आंदोलन में शामिल होते हुए इसे मजबूत करना होगा।