अब फतेहाबाद जिले में कृषि कार्यों के लिए ट्यूबवेल लगाने की नहीं लेनी होगी एनओसी
केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण द्वारा जारी अधिसूचना बारे संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए है ताकि जिला में इस छूट के तहत आने वाले क्षेत्र में लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सके।

उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़
हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद।
केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण, नई दिल्ली के अधिसूचना के अनुसार अब जिला में कृषि कार्यों के लिए ट्यूबवेल लगाने हेतू एनओसी लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। अधिसूचना के अनुसार कुछ श्रेणी के उपभोक्ताओं को एनओसी लेने की छूट प्रदान की गई है। इस अधिसूचना के तहत जिला फतेहाबाद के खंड टोहाना क्षेत्र की जनता को सीधा लाभ पहुंचेगा।
उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण द्वारा जारी अधिसूचना बारे संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए है ताकि जिला में इस छूट के तहत आने वाले क्षेत्र में लाभार्थियों को इसका लाभ मिल सके। केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण, नई दिल्ली की अधिसूचना अनुसार कोई भी व्यक्ति ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में पीने के पानी के लिए व्यक्तिगत रूप से ट्यूबवेल लगा सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में पानी की समूचित सप्लाई के लिए अब विभाग को भी एनओसी की जरूरत नहीं होगी।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऐेसे पम्प लगाने की छूट रहेगी। किसान भी सिंचाई के लिए बिना एनओसी के ट्यूबवेल लगा सकते हैं। सूक्ष्म और लघु उद्योग भी जहां पानी का स्रोत 10 क्यूबीक प्रति मीटर प्रति दिन हो, वहां एनओसी की आवश्यकता नहीं है। इस बारे बिजली विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया गया है। उपायुक्त डॉ. बांगड़ ने जल वैज्ञानिक भूमि जल कोष हिसार को दिशा निर्देश देते हुए बताया कि जारी अधिसूचना के अनुसार जिला फतेहाबाद के टोहाना प्रतिबंधित क्षेत्र में यह सुनिश्चित किया जाए कि उपरोक्त छूट के लाभार्थियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आएं।
उपायुक्त ने यहां स्पष्ट किया कि छूट प्राप्त लाभार्थी अब बिना आवेदन किए ही अपनी गतिविधि कर सकते हैं। बिना छूट के लोगों और उद्योगों को ऐसे पम्प और ट्यूबवेल लगाने पर प्रतिबंधित किया हुआ है। उपायुक्त ने बताया औद्योगिक व व्यवसासिक गतिविधियों के लिए आधारभूत संरचना आदि के लिए ट्यूबवेल व पम्प लगाने के लिए उपभोक्ता को वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सीजीडब्ल्यूए-एनओसी डॉट जीओवी डॉट आईएन पर आनलाइन आवेदन करना होगा। बिना एनओसी के यह गतिविधि जारी रखने वाले लोगों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी।