नवीन जिंदल का कैथल में विरोध: किसानों ने पूछा- कोयल चोर बताने वाली बीजेपी में क्यों गए... जवाब से संतुष्ट नहीं हुए 'धरतीपुत्र'

Farmers protest in Kaithal
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नवीन जिंदल का कैथल में विरोध।
Farmers protest in Kaithal: हरियाणा के कैथल में किसानों ने चुनावी कैंपेन के दौरान बीजेपी उम्मीदवार नवीन जिंदल का जमकर विरोध किया। कहा कि बीजेपी ने तो आपको कोयला चोर कहा था।

Farmers protest in Kaithal: कैथल के पोलड़ गांव में किसानों ने कुरुक्षेत्र लोकसभा के बीजेपी उम्मीदवार नवीन जिंदल का रास्ता रोक लिया। उन्होंने नवीन जिंदल से पूछा कि बीजेपी आपको कोयला चोर कहती थी, लेकिन अब बीजेपी में क्यों शामिल हो गए। नवीन जिंदल ने जब जवाब देने का प्रयास किया तो कुछ लोगों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इस पर नवीन जिंदल ने कहा कि आप ऊंची आवाज में कुछ भी कह सकते हो, लेकिन मैं इतना ऊंची आवाज में नहीं बोल सकता हूं। इसके बाद किसानों ने शांति से नवीन जिंदल की बात सुनी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवीन जिंदल ने किसानों से कहा कि 2013 में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब मेरे ऊपर कोयला घोटाले का आरोप लगा था। मेरे साथ क्या हुआ और क्या नहीं, ये बात मैं आपको अलग से बता दूंगा। किसानों ने पूछा कि आप बीजेपी प्रत्याशी बनकर आए हो, आपको दो बार पहले जिताया था। किसानों ने लखीमपुर खीरी कांड याद दिलाकर अपना दुख बताया, तो नवीन जिंदल ने कहा कि मैं आपके दर्द को समझता हूं। आपका दुख जायज है और बीजेपी हमेशा किसानों के साथ है। वे भी किसानों की आवाज बनेंगे।

काले झंडे दिखाकर किया घेराव

इससे पहले किसान कैथल-पटियाला मुख्य मार्ग पर पोलड़ गांव के पास भारी संख्या में काले झंडे लेकर नवीन जिंदल के काफिले के सामने आ गए। किसानों ने बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की। बिना किसी झिझक के नवीन जिंदल गाड़ी से नीचे उतरे और किसानों के बीच जाकर उनकी बात सुनी। नवीन जिंदल की बातें सुनने के बावजूद किसान संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने कहा कि वे बीजेपी को बिल्कुल वोट नहीं देंगे, उसने हमारे विश्वास को तोड़ा है।

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शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों का आंदोलन

वहीं, पर शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसान पिछले हफ्ते से ट्रैक जाम कर धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि जब तक तीनों किसानों की रिहाई नहीं हो जाती, तब तक रेलवे ट्रैक नहीं खोले जाएंगे। किसानों ने सरकार को 27 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि इसके बाद आंदोलन को तेज कर दिया जाएगा, जिसमें एक लाख से अधिक किसान हिस्सा लेंगे।

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