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भारी तापमान एवं भीषण लू के बीच बढ़ा हीट स्ट्रोक का खतरा, धूप में निकलने से पहले ये सावधानी बरतें

डा. सुरेंद्र सामरिया का कहना है कि तेज धूप मे निकलने से बचें। हल्के रंग के सूती और ढीले कपड़े पहनें, जिससे शरीर ज्यादा से ज्यादा ढका रहे। यदि तेज धूप में निकलना जरूरी है तो निकलते वक्त छाता लगा लें या टोपी पहन लें। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए रोजाना कम से कम दो से तीन लीटर पानी पीएं। इसके अलावा घरेलू उपायों की मदद भी ले सकते हैं।

भारी तापमान एवं भीषण लू के बीच बढ़ा हीट स्ट्रोक का खतरा, धूप में निकलने से पहले ये सावधानी बरतें
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डा. सुरेंद्र सामरिया, चिकित्सा अधिकारी।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

भीषण गर्मी के बीच लू लगने के कारण अब हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है। लोग बीमार होकर अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं। ज्यादातर लोग थकान, उल्टी, दस्त व बुखार के साथ अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इस बारे में नागरिक अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डा. सुरेंद्र सामरिया का कहना है कि लोगों को इन दिनों धूप में निकलने से बचना होगा, क्योंकि हीट स्ट्रोक का भी खतरा बना हुआ है।

गौर हो कि इन दिनों आसमान से आग बरसने लगी है और गर्म हवाओं के थपेड़ों ने शरीर को झुलसाकर रख दिया है। तापमान निरंतर बढ़ते रहने 45 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है। तापमान बढ़ने के साथ अब हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ गया है। भीषण गर्मी के चलते लोग पसीनों में तरबतर हो रहे हैं। गर्मी से बचने के लिए लोग घरों में कैद होने हैं। घरों में रहकर कूलर एसी और पंखा में बचाव का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन बिजली कटों के कारण निरंतर राहत नहीं मिल पा रही। दिन में तेज धूप के कारण जहां लोगों को दिक्कतें हो रही हैं, वहीं हर पल बढ़ रहे तापमान के चलते बच्चों और बुजुगार्ें को बीमारियां चपेट में ले रही हैं। चिलचिलाती धूप और गर्म हवा में घर से बाहर निकलना सेहत पर भारी पड़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार तापमान बढ़ने के कारण अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन के शिकार होने लगे हैं। शरीर में पानी की कमी होना एवं आंखों में जलन होने लगती है। इस मौसम में सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक का खतरा होता है।

हीट स्ट्रोक के लक्षण :

हीट स्ट्रोक में तेज बुखार आना, जिसमें तापमान 104 डिग्री या इससे ज्यादा चला जाता है। बेहोशी आ जाती है। मरीज कोमा में चला जाता है। इसके अलावा थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द होना, उल्टी आना, अधिक पसीना आना, गाढ़े रंग की पेशाब आना, मांसपेशियों व हाथ-पैरों में ऐंठन आदि हैं। गर्मी के स्ट्रोक घातक हो सकते हैं। हार्ट अटैक की स्थिति भी आ सकती है। बीमार व्यक्ति को निकटतम अस्पताल ले जाएं।

ऐसे करें बचाव :

डा. सुरेंद्र सामरिया का कहना है कि तेज धूप मे निकलने से बचें। हल्के रंग के सूती और ढीले कपड़े पहनें, जिससे शरीर ज्यादा से ज्यादा ढका रहे। यदि तेज धूप में निकलना जरूरी है तो निकलते वक्त छाता लगा लें या टोपी पहन लें। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए रोजाना कम से कम दो से तीन लीटर पानी पीएं। इसके अलावा घरेलू उपायों की मदद भी ले सकते हैं। जैसे छाछ, चावल का पानी, नींबू या आम का रस और दाल का सूप आदि। इतना ही नहीं हल्के, ढीले और पूरी बाजू वाले कपड़े ही पहनें और सिर को हमेशा कवर करके रखें। साथ ही शरीर के बढ़ते तापमान को कंट्रोल करने के लिए ठंडे पानी से नहाएं।

कैप, गमछों और छातों की बिकी बढ़ी :

भीषण गर्मी के कारण कैप, गमछों और छातों की बिक्री बढ़ गई है। गर्मी के कारण लोगों का गला सूख रहा है। इससे पानी, कोल्ड ड्रिंक, पानी वाले फल जैसे संतरा, तरबूज, खीरा, ककड़ी की बिक्री में उछाल आ गया है। पशु-पक्षी भी पानी के लिए इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं। बुजुर्गों का कहना है कि अप्रैल में इतनी गर्मी इससे पहले कभी नहीं पड़ी। कड़ी धूप और भीषण गर्मी खुले आसमान के नीचे काम करने वालों पर भारी पड़ रही है।

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