पदोन्नति सूची पर बवाल : सहायक शिक्षकों को हेड मास्टर बनाने वाली सूची को लेकर संगठन के नताओं में ठनी
सहायक शिक्षकों के प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति संबंधी सूची जारी होने के बाद से जारी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह बन गई है कि अब शिक्षक हित को लेकर आवाज मुखर करने वाले संगठन एक दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। पढ़िए पूरी खबर...

खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में सहायक शिक्षकों के प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति संबंधी सूची जारी होने के बाद से जारी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह बन गई है कि अब शिक्षक हित को लेकर आवाज मुखर करने वाले संगठन एक दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। शुक्रवार को छग शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय महासचिव कमलेश्वर सिंह, ब्लाक अध्यक्ष विभाष पाठक की ओर से नियमों की अनदेखी का आरोप लगाकर पदोन्नति सूची को निरस्त करने की मांग संबंधी ज्ञापन सौंपने से सहायक शिक्षक फेडरेशन आक्रोशित हो गया है। शाम 5 बजे के आसपास दो से तीन सौ सहायक शिक्षकों ने कलेक्टर डॉ. जगदीश कुमार से मुलाकात कर सूची निरस्त करने की अपेक्षा त्रुटिपूर्ण प्रकरणों की समीक्षा करने का अनुरोध किया। फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा, जिलाध्यक्ष रामलाल साहू, कौशल श्रीवास्तव और ज्योति अग्रवाल ने कलेक्टर को बताया कि बीते 20-22 साल के लंबे अंतराल के बाद प्रदेश सरकार से उन्हें पदोन्नति का तोहफा मिला है, लेकिन शिक्षक हित की बात करने वाले कुछ स्वयंभू नेताओं की ओर से पूरी सूची को निरस्त करने की मांग पूरी तरह से गलत है।
सालों इंतजार के बाद मिला प्रमोशन
फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को बताया कि सहायक शिक्षकों के हित को लेकर फेडरेशन अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहा है। जिला कार्यालय से सूची जारी करने में महिलाओं और दिव्यांगों के साथ भेदभाव किया गया है। इसका परीक्षण कर निदान किया जा सकता है, लेकिन पत्नियों के पदोन्नति बाद स्थानांतरण से नाराज लोगों की ओर से पूरी सूची को निरस्त करने की मांग सरासर गलत है। उन्होंने कलेक्टर को बताया कि सालों इंतजार के बाद प्रमोशन हो रहा है, इसलिए विवादित प्रकरणों के लिए जिम्मेदारी अधिकारी और बाबू की तय कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, ना कि विवादित प्रकरणों के चलते पूरी सूची को निरस्त किया जाए। मामले में कलेक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों से गंभीरता से चर्चा के बाद निराकरण का आश्वासन दिया है।
उलझे संगठन के नेता
इससे पहले दोपहर 12 बजे के आसपास फेडरेशन के जिलाध्यक्ष रामलाल साहू और छग शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय महासचिव कमलेश्वर सिंह के बीच ज्ञापन में शामिल विषय को लेकर जोरदार बहस हो गई। रामलाल साहू ने आरोप लगाया कि शिक्षक हित की बात करने वाले कमलेश्वर सिंह को सहायक शिक्षकों से कोई मतलब है? महज अपनी पत्नि के पदोन्नति बाद पदांकन के लिए मनमाफिक जगह नहीं मिलने के कारण पूरे सहायक शिक्षकों का अहित करने पर तुले हैं। वहीं कमलेश्वर सिंह ने पूरे आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि शिक्षक कांग्रेस प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त संगठन है। इसमें सहायक शिक्षक से लेकर प्राचार्य और बीईओ स्तर के अधिकारी—कर्मचारी सदस्य है। सूची में महिलाओं और दिव्यांगों को लेकर निर्धारित नियमों का पालन नहीं हुआ, जिसके कारण उनके संगठन ने मांग की है। पत्नि की वजह से ज्ञापन देना और सूची निरस्त करने की मांग का आरोप सरासर गलत है।
दो दिन में मांगा जवाब
पदोन्नति सूची में विसंगतियों और त्रुटि के साथ मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में नहीं रखने के शिकायत को देखते हुए कलेक्टर डॉ. जगदीश कुमार ने खैरागढ़ और छुईखदान ब्लाक के बीईओ को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब देने कहा है। वहीं फेडरेशन सदस्यों से रूबरू होकर कलेक्टर ने कहा कि शिकायत आवेदन के आधार पर पूरे मामले की सूक्ष्मता से परीक्षण के बाद निर्णय लिया जाएगा।