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मौसम की जानकारी : बिहार में ज्यादातर नदियां उफान पर और कई जिलों में ठनके को लेकर अलर्ट जारी

बिहार में गंगा को छोड़कर बाकी सभी नदियां उफान पर हैं। सूबे में करीब आठ जिलों के लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। पटना समेत प्रदेश के करीब 12 जिलों में ठनके के साथ बारिश हो सकती है। जिससे लोगों को अलर्ट किया गया है।

weather information alert issued in bihar on most rivers and in many districts
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प्रतीकात्मक तस्वीर

बिहार में गंगा को छोड़कर सभी नदियां उफान पर हैं। आठ जिलों के 30 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं। बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार, बागमती नदी सीतामढ़ी के कटौंझा व मुजफ्फरपुर के बेनीबाद और दरभंगा के हायाघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, जबकि कमला बलान झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इधर, महानंदा पूर्णिया के ढेंगराघाट में खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। कोसी के जलस्तर में मामूली कमी देखी जा रही है। कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास शनिवार सुबह 1.49 लाख क्यूसेक था, जो घटकर 1.47 लाख क्यूसेक हो गया। गंडक नदी का जलस्तर बाल्मीकिनगर बैराज के पास सुबह आठ बजे 1.52 लाख क्यूसेक था। जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने बताया कि अधिकांश नदियां खतरे के निशान से ऊपर गई थी, किंतु अब इसकी प्रवृत्ति घटने की है। उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन के लोग चौकस हैं। जहां-जहां दिक्कतें हुई हैं, वहां अधिकारी पहुंच रहे हैं।

मौसम विभाग के अनुसार गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती का रुख अलग-अलग हिस्सों में कहीं नरम तो कहीं गरम है। मनुषमारा, लखनदेई व अधवारा समूह की नदियां भी खूब तेवर दिखा रहीं हैं। ​शनिवार को वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में 1.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि गंडक में पहले की अपेक्षा जलस्तर में कमी आई है।

दरभंगा जिले में धौस नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। इससे केवटी प्रखंड के असराहा डीह गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है। गांव के डेढ़ सौ से अधिक परिवार रेलवे लाइन पर शरण लिए हुए हैं। वहीं सिंहवारा प्रखंड में कलिगांव-चमनपुर सड़क पर पानी चढ़ने से प्रखंड मुख्यालय से गांव का संपर्क भंग हो गया है।

मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाने में पानी घुस गया है। नदी का पानी तेजी से बढ़ने के कारण निचले इलाके के मोहल्ले तेजी से खाली हो रहे हैं। लखनदेई और मनुषमारा का पानी औराई और कटरा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिर तेजी फैल रहा है।​

उत्तर बिहार में बाढ़ से तबाही जारी है। मधुबनी में पुलिया ध्वस्त हो गई है। मधुबनी के बाबु बरही में खड़कबनी खनुआटोल से परबतिया टोला मेन रोड पर बलान नदी के समीप पुलिया ही ध्वस्त हो गई है। इस सड़क के साथ पुलिया का निर्माण साल भर पहले ही किया गया था। पुलिया ध्वस्त होने से इस रोड से आवाजाही बंद हो गई है। वहीं मधुबनी में धौंस नदी का पानी जगवन, मनीराबाद, कटैयाख्, कमलाबाड़ी, सिंगिया, बलहा, जानीपुर, रथोस, घाट भटरा आदि में तेजी से फैल रहा है।

उत्तर बिहार में भी बाढ़ से तबाही जारी है। सीतामढ़ी में एप्रोच पथ बह गया है। सीतामढ़ी के बाजपट्टी में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित 50 मीटर लम्बे पुल का एप्रोच पथ जलदबाव से ध्वस्त हो गया है। इससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है।

मौसम विभाग ने रविवार को मधेपुरा, सहरसा, सिवान, गोपालगंज मधुबनी, सीतामढ़ी, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, दरभंगा और सारण जिले में वर्षा की चेतावनी दी है। विभाग ने इस दौरान कुछ जगहों पर वज्रपात होने की आशंका भी जताई है। बादल छाने पर लोगों से घर में ही रहने की अपील की गई है। दूसरी ओर शनिवार को प्रदेश में किशनगंज जिले के तैयबपुर व सुपौल स्थित विरपुर में 180 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। उत्तर पूर्वी जिलों के अलावा शेष प्रदेश में शनिवार को एक जगह पर छिटपुट बारिश दर्ज की गई है।

प्रदेश में बढ़ते तापमान की वजह से रविवार से अगले 48 घंटे तक जबरदस्त मेघ गर्जन व ठनके की आशंका है। ठनके को लेकर आइएमडी, पटना ने चेतावनी जारी की है कि जब भी काले बादल दिखाई दें। घर से बाहर न निकलें। खासतौर पर उत्तर-पूर्वी बिहार में इसको लेकर विशेष सतर्कता बरतने को कहा गया है। आइएमडी, पटना के निदेशक विवेक सिन्हा ने बताया कि ट्रफ लाइन रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात से बिहार में सक्रिय होने की संभावना है।

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