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एक महीने में सूदखोरों को खोद-खोदकर निकालेगी पुलिस

भोपाल में पिछले दिनों सूदखोरी से एक परिवार के 5 सदस्यों द्वारा की गई आत्महत्या के बाद सरकार व पुलिस इस ओर तेजी से सक्रिय हुए हैं। बिना रजिस्ट्रेशन उधार दिया है तो वह चुकाया नहीं जाएगा । पुलिस ने एक दिसंबर से सूदखोरों के खिलाफ जानकारी जुटाना शुरु कर दिया है। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

एक महीने में सूदखोरों को खोद-खोदकर निकालेगी पुलिस
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विनोद त्रिपाठी . भोपाल

शहडोज पुलिस रेंज के एडीजी डीसी सागर ने हरिभूमि भोपाल से चर्चा में पुलिस के एक माह के नए अभियान का खुलासा किया है। जिसमें रविवार को बताया कि डीजीपी विवेक जौहरी द्वारा सीआईडी के माध्यम से सूदखोरों यानी अवैध साहूकारों के खिलाफ एक दिसंबर से 31 दिसंबर 2021 तक विशेष अभियान चलाए जाने के निर्देश सभी आईजी पुलिस जोन को भेजे हैं। जिसमें पुलिस अब इन सूदखोरों की जानकारी जुटाने में लगी है कि कौन किससे अवैध ब्याज वसूल रहा है। इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस मामले में अपंजीकृत सूदखोरों पर सख्ती करने के निर्देश दिए हैं। जबकि मप्र साहूकार संशोधन अधिनियम 2020 के मुताबिक अपंजीकृत साहूकारों द्वारा दिया गया उधार किसी भी परिस्थिति में वसूल नहीं किया जाएगा। इसलिए आप जान लें कि अब न तो मूलधन वापस करना है, साथ ही न इस पर कोई ब्याज दिया जाना है।

यहां बता दें कि भोपाल में पिछले दिनों सूदखोरी से एक परिवार के 5 सदस्यों द्वारा की गई आत्महत्या के बाद सरकार व पुलिस इस ओर तेजी से सक्रिय हुए हैं। शहडोल जोन के एडीजी सागर ने बताया कि उन्होंने जिला शहडोल, उमरिया व अनूपपुर जिले के पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी करके निर्देश दिए हैं कि यह अभियान पूरी गंभीरता से चलाया जाए। एडीजी सागर ने बताया, इस विशेष अभियान को लेकर मूलभूत मंशा है कि अवैध साहूकारों के कारोबार को विधिवत रोकना और आम आदमी को सूदखोरी के कारण आर्थिक क्षति होने से बचाना। कई साहूकार ऋण के ब्याज की दरें शासन द्वारा निर्धारित दरों से अत्यधिक दर रखते हैं। साथ ही ऋण की वसूली में ऋणियों को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना देते हैं। जिसके कारण ऋणी या उसके परिजन अवसादग्रस्त होकर आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित विधि सम्मत कदम उठाना आवश्यक है।

जनता व पुलिस को भी रहे जानकारी :

एडीजी ने बताया कि साहूकारों व सूदखोरों और ऋणियों से संबंधित जनकारी जनता और पुलिस को पर्याप्त मात्रा में रहे। इसलिए शासन के अधिनियमों और अधिसूचनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। जिससे जनता जागरुक और आत्मनिर्भर बन सके।

इस मामले में खास यह जानिए आप :

- साहूकार अधिनियम वर्ष 1934 में बना है।

- मध्यप्रदेश साहूकार अधिनियम 1934 धारा 2 ख के अंतर्गत 18 दिसंबर 2020 को अधिसूचित है। जिसमें साहूकारों द्वारा उधारों पर 15 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर से अधिक ब्याज नहीं लिया जाएगा।

- मप्र साहूकार संशोधन अधिनियम 2020 अपंजीकृत साहूकारों द्वारा दिया गया उधार किसी भी परिस्थिति में वसूल नहीं किया जाएगा।

- मध्यप्रदेश ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 में बना था।

- यदि साहूकार अथवा अपंजीकृत साहूकार द्वारा किसी व्यक्ति को ऋण दिया गया है और उसे प्रताड़ित कर रहा है या शासन द्वारा निर्धारित ब्याज की दर से अधिक ब्याज की दर से ऋण की वसूली करता है तो पुलिस ऐसी शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए विधिसम्मत कार्रवाई कर उपरोक्त अधिनियमों के साथ-साथ भारतीय दंड विधान के सुसंगत धाराओं के अंतर्गत की जानी चाहिए।

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