शर्मसार: बुजुर्ग महिला के शव को ई-रिक्शा से लेकर घर पहुंचे परिजन, 15 दिन में ही पंक्चर हुई सीएम नीतीश की फ्री एम्बुलेंस सेवा
मुजफ्फरपुर जिले से बिहार सरकार की व्यवस्थाओं को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक वृद्धा के शव को एम्बुलेंस नसीब नहीं होने पर ई-रिक्शा से घर लेकर जाया गया है। बिहार सरकार की ओर से सभी मरीजों को फ्री एम्बुलेंस देने की घोषणा हाल में ही की गई थी। जिसमें 15 के भीतर ही पंक्चर हो गया है।

बिहार स्वास्थ्य सुविधाएं
बिहार (Bihar) में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को लेकर बड़े-बड़े दावे और घोषणाएं (Announcements) तो काफी की जाती हैं। लेकिन ये दावे और बड़ी-बड़ी घोषणाएं जमीन पर उतरते-उतरते अफसरशाही Bureaucracy() की भेंट चढ़ जाती हैं। ऐसी ही बिहार सरकार की एक घोषणा और व्यवस्था मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में शर्मसार हुई है। बिहार सरकार (Bihar Government) की ओर से हाल में ही यह ऐलान किया गया था कि सूबे में सभी मरीजों के लिए फ्री एम्बुलेंस सुविधा (Free ambulance facility) उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं योजना के संचालन को अभी करीब 15 दिन ही हुए हैं और इसकी पोल खुल गई है। मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल (Muzaffarpur Sadar Hospital) से वृद्ध महिला के शव (Dead body) को घर तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस सुविधा मुहैया नहीं कराई गई।
यह शर्मसार कर देने वाली घटना मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल की बताई जा रही है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उपचार के लिए पहुंची वृद्ध महिला की मौत हो गई। जिसके बाद उसके परिजन महिला के बाद शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल परिसर में इधर से उधर भटकते रहे। उन्होंने अस्पताल परिसर में एम्बुलेंस सेवा को लेकर हर छोटे कर्मचारियों से बड़े अधिकारियों तक से मिन्नतें की। लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। इसके बाद परिजन थक हार गए और शव को अपने हाथों में उठाकर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड से बाहर लेकर आए। फिर परिजन महिला के शव को ई-रिक्शा में रखकर अपने घर लेकर पहुंचे। इस पूरी घटना ने बिहार सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
परिजनों का कहना है कि सरकार की ओर से तमाम सुविधाएं मिल रही हैं। लेकिन उनका सही प्रबंधन नहीं होने की वजह से मरीजों को समस्याएं हो रही हैं। जानकारी के अनुसार सदपुरा निवासी राजो देवी 60 वर्ष को बीते दिन दोपहर बाद मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में ईलाज के लिए लेकर पहंचे थे। अस्पताल आपातकालीन वार्ड में तैनात डॉक्टर एमएम कमाल ने मरीज को देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। महिला के परिजनों का कहना कि वो पहले से ही गंगीर रूप से बीमार थी। इसलिए वो उन्हें लेकर यहां आए थे।