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वंदना ग्लोबल सिलतरा में बुधवार को गर्म राखड़ की चपेट में आकर कई मजदूर झुलस गए। जिसमें एक मजदूर मोहित यादव की मौत हो गई।  मृतक के परिवार को 17 लाख रुपए मुआवजा दिया गया है। साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात तय हुई है। 

प्रेमलाल पाल कूंरा- सिलतरा। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे औद्योगिक क्षेत्र सिलतरा में मौतों का मामला थमनें का नाम नहीं ले रहा है। यहां हर दिन किसी ना किसी फैक्ट्री मे मजदूर सुरक्षा उपकरण के अभाव मे हादसे का शिकार हो रहे है। सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगपतियों की लापरवाही के चलते गरीब मजदूरों की मौत हो जाती है।

मौत का दुख भले ही उद्यमी ना समझें लेकिन इसका मौत का दुख उस इंसान से पूछना चाहिए। जिन्होंने अपनी मां, बहन, भाई, पिता और पति को खोया है. गद्दीदार सीट मे बैठें उद्यो पति को शायद इस दुख का अंदाजा नहीं होता है। आसपास की फैक्ट्रियों मे हर महीनें मौतें होती हैं। लेकिन संबंधित विभाग कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कर मामला को दबा देता है। जिसका आक्रोश जनता में देखने को मिलता है। जनता न्याय के लिए फिर आंदोलन की राह चुनती है।  फिर उद्योगपति स्थानीय आदमी को नौकरी नहीं देता है। सिलतरा क्षेत्र मे ऐसा कब तक चलेगा। कई मामले ऐसे होते है जिन्हें दबा दिया जाता है। सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र मे लगातार फैक्ट्री मालिकों की लापरवाही से मजदूरों की असमय मौत आमबात हो गई है। वहीं भ्रष्ट श्रम अधिकारी और स्वास्थ्य एवं सेफ्टी विभाग की उदासीनता और उद्योगपतियों से सांठगांठ के चलते मजदूरो की मौत को हादसे का रूप दिया जा रहा है। जो कि हत्या के समान है।

वंदना ग्लोबल में एक मजदूर की मौत 

वंदना ग्लोबल सिलतरा में बुधवार को गर्म राखड़ की चपेट में आकर कई मजदूर झुलस गए। जिसमें एक मजदूर मोहित यादव की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा प्रबंधों की भारी कमी के चलते आए दिन होने वाले हादसों में मजदूरों की मौत हो रही है। वंदना ग्लोबल में एक मजदूर की मौत के बाद प्रबंधन द्वारा मृतक के परिवार को श्रम नियमों के अधीन मुआवजा व क्षतिपूर्ति के लिए आनाकानी करने पर पीड़ित परिवार ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना से संपर्क किया। जिसके बाद भारी संख्या में सेनानी पहुंचे और जवाबदारों से बात करने की कोशिश की। लेकिन तब तक भारी संख्या में पुलिस बल ने वंदना ग्लोबल के मुख्य द्वार को घेर चुकी थी।

कंपनी ने दिया 17 लाख रुपये का मुआवजा 

सेना के पदाधिकारियों ने प्रबंधन के जवाबदारोंं से बात की तब जाकर कहीं मृतक के परिवार को 17 लाख रुपए मुआवजा राशि तत्काल दिया गया। साथ ही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात तय हुई है। पीड़ित परिवार ने सहयोग के लिए छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आभार जताया है।

केस 1 धनकुल कम्पनी 

सिलतरा के स्पंज आयरन फैक्ट्री में 14 मई वर्ष 2022 के हादसे में मजदूर के एक हाथ का पंजा कटकर अलग हो गया था। ड्यूटी के दौरान उसका हाथ मशीन में फंस गया। चीख पुकार मचाई आवाज सुनकर आसपास काम कर रहे मजद दौड़कर आए उन्होंने मशीन बंद और हाथ निकलने की कोशिश की इसके बावजूद पंजा कटकर अलग  हो गया। वह बेहोश होकर गिर गया उसके बाद श्रमिक को अस्पताल मे भर्ती कराया गया और उसकी मौत हो गईं। 

केस 2 अग्रवाल स्पंज

अग्रवाल चैनल मील्स कंपनी सिलतरा में 12 मई वर्ष 2022 के हादसे एक मजदुर लोहे का रोल उठा रहा था. तभी क्रेन के लोहे सिटी से 300 किलोग्राम वजनी मुकेश प्रसाद के उपर गिर गया. जिससे उसके कंधा, पीठ, छाती मे चोट आई और बाएं पैर के एडी के उपर हड्डी टुट गया है। अग्रवाल चैनल मिल्स कंपनी के प्रबंधक के व्दारा कंपनी मे कार्य करने वाले कर्मचारियो को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये बिना लापरवाही पूर्वक ढंग से कार्य कराने के परिणाम स्वरूप यह घटना घटित हुई है।

केस 3 अग्रवाल स्पंज फेस-2

अग्रवाल स्पंज प्राईवेज लिमिटेड कंपनी फेस-2 मे 5 मई वर्ष 2022 के हादसे में चालक संजय कुमार बर्मन के द्वारा लोडर गाड़ी से माल उठाने का काम कर रहा था। तभी अचानक लोडर के चालक द्वारा वाहन को बिना किसी सूचना के लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर पीछे करते समय विजय कुमार सिंह जो साइड पर खड़े थे उनको ठोकर मार दी। जिससे वह सिर के बल जमीन पर रखें स्पंज आयरन में गिर गया। इस हादसे में उनके माथे और शरीर चोट आई और उसकी मौत हो गई। पर्याप्त सुरक्षा एवं सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए बिना कार्य कराए जाने से यह घटना घटित हुई थी।
 

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