इंतजार खत्म: कांग्रेस के आठ उम्मीदवारों की सूची जारी, होल्ड पर गुरुग्राम, बृजेंद्र सिंह, श्रुति व मराठा को नहीं मिला टिकट

Haryana Congress
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हरियाणा कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर एसआरके गुट को दी पटखनी, अपने पसंद के नामों पर कांग्रेस सीईसी की सहमति लेने में रहे सफल। किरण चौधरी बेटी का टिकट भी नहीं बचा पाई।

इंतजार खत्म, कांग्रेस की लंबे समय से अटकी हरियाणा के उम्मीदवारों की सूची वीरवार देर रात आखिरकार आ ही गई। कांग्रेस ने हिसार, भिवानी-महेंद्रगढ़ व करनाल सीट के नामों व गुरुग्राम सीट को होल्ड कर सभी को चौका दिया। कांग्रेस ने रोहतक से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह, सोनीपत से सतपाल महाराज, सिरसा से कुमारी सैलजा, अंबाला से विधायक वरूण चौधरी, करनाल से दीपांशु बुदि्धराजा और फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप को अपना उम्मीदवार बनाया। गुरुग्राम सीट पर लंबे समय से राजबबर का नाम चल रहा था, परंतु फिलहाल इस सीट को कांग्रेस ने होल्ड पर रखा है। सीट होल्ड करने के पीछे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव से जोड़कर देखा जा रहा है। गुरुग्राम सीट पर लालू यादव के समधि कैप्टन अजय यादव भी अपनी दावेदारी जता रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को झटका

लोकसभा चुनावों की घोषणा से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हिसार से भाजपा के निवर्तमान सांसद बृजेंद्र सिंह व उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को कांग्रेस ने घर वापसी पर बड़ा झटका देते हुए हिसार से बृजेंद्र की बजाय जयप्रकाश उर्फ जेपी को टिकट दिया है। इसी प्रकार से एसआरके गुट के प्रमुख नेताओं में शुमार किरण चौधरी की बेटी एवं पूर्व मुख्यमंत्री बंशी लाल की पौत्री पूर्व सांसद श्रुति चौधरी का भिवानी महेंद्रगढ़ से टिकट काटकर राव दान सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है।

एसआरके पर फिर भारी पड़े हुड्डा

प्रदेश कांग्रेस में एसआरके व हुड्डा गुट के बीच चली आ रही वर्चस्व की लड़ाई में हुड्डा एक बार फिर भारी पड़े। एसआरके गुट से केवल कुमारी सैलजा ही सिरसा से अपनी टिकट पाने में सफल रही। प्रदेश की बाकी सभी सात सीटों पर हुड्डा गुट समर्थकों पर पार्टी ने विश्वास जताया है। जयप्रकाश, दीवांशु बुदि्धराजा, सतपाल महाराज, वरूण चौधरी, महेंद्र प्रताप को हुड्डा गुट समर्थक माना जाता है। जबकि एसआरके गुट के भारी विरोध के बावजूद रोहतक से भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को टिकट दिलवाने में भी सफल रहे।

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