By Elections: पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी चुनाव लड़ने के लिए तैयार, पंडित सुखराम ने कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन
हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से होने वाले उपचुनाव का ऐलान भले ही निर्वाचन आयोग ने नहीं किया हो। पर कांग्रेस में टिकट को लेकर जंग दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गई है। एक ओर तो दिवंगत पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री पंडित सुखराम ने पार्टी की दिक्कतें बढ़ा दी हैं।

प्रतिभा सिंह
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की मंडी लोकसभा सीट (Mandi Lok Sabha seat) से दिवंगत पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की पत्नी (Wife of former CM Virbhadra Singh) प्रतिभा सिंह चुनाव लड़ने के लिए पूर्ण रूप से तैयार बताई जा रही हैं। सिर्फ उनको इसके लिए कांग्रेस (Congress) आलाकमान से हरी झंडी का इंतजार है। प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने स्थानीय मीडिया कर्मियों से बातचीत करते वक्त इस बात की पुष्टि की है। शिमला ग्रामीण सीट से विधायक विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि उनके परिवार में महत्वकांक्षा नाम की कोई चीज नहीं है, ना ही किसी तरह का स्वार्थ है व ना ही पद किसी पद का लालच है। वहीं विक्रमादित्य सिंह ने कहना है कि इस बात का निर्णरू पार्टी हाईकमान करेगा कि कौन मैदान में उतरेगा? यदि कांग्रेस आलाकमान ये निर्णय लेगता तो हम उसका स्वागत करेंगे। वहीं विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वो पार्टी के हित्त के लिए जंग लड़ने के लिए सदैव तैयार हैं।
विक्रमादित्य ने ये भी कहा कि वीरभद्र सिंह कई मौकों पर मंडी संसदीय क्षेत्र की अगुवाई कर चुके हैं। उन्होंने हमेशा पार्टी के हित्तों के लिए जंग लड़ी थी। 1977 में जब हिमाचल में पार्टी का नामो निशान खत्म हो गया था। साथ ही मॉल रोड स्थित पार्टी ऑफिस पर ताला जड़ दिया गया था। कांग्रेस को लोग खूनी पंजा कहने लगे थे। उस कठिन दौर में वीरभद्र सिंह ने अपने व्यक्तिगत आवास हौली लॉज से 4 वर्षों तक पार्टी कार्यालय संचालित किया था। वहीं विक्रमादित्य ने कहा कि वीरभद्र परिवार सदैव पार्टी के सिद्धांतों पर चलता है व पार्टी हित्त के लिए सदैव तैयार रहता है।
सुखराम ने पोते का नाम किया आगे
वहीं पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री पंडित सुखराम ने कांग्रेस में टिकट की जंग को दिलचस्प बना दिया है। हालिया दिनों सुखराम ने बयान जारी कर कहा था कि वह पार्टी हाईकमान से मुलाकात करके और अपनी बात रखेंगे। उन्होंने अपने पोते आश्रय शर्मा को टिकट का मजबूत दावेदार करार दिया है। सुखराम ने कहा कि उनका पोते ने 2019 संसदीय चुनावों में मंडी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस आधार पर उपचुनावों में आश्रय की दावेदारी सबसे प्रबल है। दूसरी ओर निर्वाचन आयोग यह निर्धारित नहीं कर सका है कि चुनाव कब कराए जाने हैं। आपको बता दें कि मंडी में बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद से यह संसदीय सीट रिक्त हो गई है।