हिमाचल हाईकोर्ट का फैसला: अब बिना बारी के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को सरकारी आवास आबंटित नहीं होंगे
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बिना बारी के सरकारी आवासों के आबंटन पर रोक लगा दी है। सरकारी आवास आबंटित करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग को आदेश जारी किए वह बिना बारी के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को सरकारी आवास न आबंटित न करे।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बिना बारी के सरकारी आवासों के आबंटन पर रोक लगा दी है। सरकारी आवास आबंटित करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग को आदेश जारी किए वह बिना बारी के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी को सरकारी आवास न आबंटित न करे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने कमलेश गौतम द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना बारी के सरकारी आवास आबंटन करने के लिए कोर्ट की इजाजत लेनी होगी। याचिकाकर्ता कमलेश गौतम का यह आरोप है कि वह वर्ष, 2000 से सरकारी आवास के लिए प्रतिवेदन दे रही है लेकिन उसे आज तक सरकारी आवास मुहैया नहीं करवाया गया। प्रार्थी ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि वह हृदय रोग से पीडि़त है और पीजीआई चंडीगढ़ से अपना इलाज करवा रही है।
प्रार्थी ने आरोप लगाया कि उसके बाद लगे कर्मचारियों को बिना बारी के सरकारी आवास आबंटित किए गए, जबकि प्रार्थी द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन को राज्य सरकार द्वारा खारिज कर लिया गया। न्यायालय ने पाया कि राज्य सरकार द्वारा वरिष्ठता को नजरअंदाज करते हुए मनमाने तरीके से सरकारी आवास आबंटित किए जाते हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश उच्च न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पारित किए।