CoronaVirus: शिमला में 70 साल में पहली बार नहीं होगी रामलीला
कोरोना वायरस की वजह से देश और प्रदेश में तमाम तरह की गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। आलम यह है कि त्योहारों पर असर हुआ है। ऐसे में शिमला शहर और उपनगरों में कई साल से आयोजित होने वाली रामलीला का मंचन इस बार नहीं होगा।

फाइल फोटो
कोरोना वायरस की वजह से देश और प्रदेश में तमाम तरह की गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। आलम यह है कि त्योहारों पर असर हुआ है। ऐसे में शिमला शहर और उपनगरों में कई साल से आयोजित होने वाली रामलीला का मंचन इस बार नहीं होगा। 70 साल में यह पहला मौका होगा कि जब रामलीला का आयोजन नहीं होगा। शहर के गंज बाजार में वर्ष 1950 से रामलीला का आयोजन किया जा रहा है।
पहले स्थानीय कलाकार रामलीला करते थे, लेकिन पांच साल से वृंदावन से प्रोफेशनल कलाकारों को बुलाया जा रहा था। यहां पर रामलीला देखने के लिए स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक भी आते थे। इसी तरह जाखू, नाभा, उपनगर टुटू,बीसीएस, समरहिल,संकट मोचन मंदिर में भी 45 से 50 साल से रामलीला का आयोजन होता आ रहा है।लेकिन कोरोना वायरस के चलते सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार इस बार रामलीला, जगराता और दशहरा पर्व का आयोजन नहीं होगा।
नई एसओपी के अनुसार धार्मिक,राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए नई एसओपी जारी की है। जिसमें सोशल डिस्टेंस के साथ साथ मास्क पहनना जरुरी होगा। साथ ही एक जगह 200 से ज्यादा लोग किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा मंदिरों में नवरात्र उत्सव के दौरान प्रवेश के लिए अलग रास्ता और बाहर निकलने के अलग रास्ते का प्रबंध करना होगा। साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग के साथ मास्क लगाकर मंदिर में प्रवेश मिलेगा।