हिमाचल के मंडी में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की कवायद तेज
हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रॉजेक्ट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की कवायद तेज हो गई है। सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से अहम मंडी के बल्ह में प्रदेश के पहले प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सोमवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम ने हवाई अड्डे के दोनों छोर का सर्वेक्षण किया।

हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रॉजेक्ट अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की कवायद तेज हो गई है। सामरिक और पर्यटन की दृष्टि से अहम मंडी के बल्ह में प्रदेश के पहले प्रस्तावित इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए सोमवार को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तकनीकी टीम ने हवाई अड्डे के दोनों छोर का सर्वेक्षण किया। बड़े विमान उतारने को टीम ने कंसा, सुकेती खड्ड, भोर व डूगराई क्षेत्र में हवाई पट्टी के एंडिंग और ओपनिंग प्वाइंट्स का सर्वे किया। हवाई पट्टी करीब पांच किलोमीटर की होगी। यह टीम रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी।
सर्वेक्षण में दोनों प्वाइंट्स को हरी झंडी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले, एयर फिजिबिलिटी को लेकर भी सर्वे हो चुका है। यह छह सदस्यीय टीम भारत सरकार के उपक्रम वैपकास से आई थी। टीम में एयरपोर्ट सेक्टर एक्सपर्ट राजकुमार निर्वाणा, प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज दुबे, ट्रांसपोर्ट इंजीनियर रामप्रकाश गुप्ता, सीनियर आर्किटेक्ट रश्मि द्विवेदी, आर्किटेक्ट अक्षय तिवारी, इंजीनियर पंकज भारद्वाज शामिल थे। डीआरओ मंडी राजीव के साथ स्थानीय राजस्व अधिकारी भी साथ रहे।
मंडी जिला की बल्ह घाटी में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई के निर्माण में सरकार पिछले दो वर्षों से इस पर काम कर रही है। लगभग 3500 बीघा भूमि एयरपोर्ट की जद में आएगी। इस में डडौर, कुम्मी, स्यांह, छातड़ू, टावां, जरलू, भौर, ढाबण व डुगराईं से भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। एयरपोर्ट पर होने वाला सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। एयरपोर्ट के ऑपरेशनल होने के बाद इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का 51 और राज्य सरकार का 49 फीसदी शेयर रहेगा. इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण दो चरणों में होगा। पहले चरण में 2400 मीटर लंबा रनवे बनाया जाएगा। इस पर कुल खर्च करीब 2000 करोड़ आएगा।
मंडी में एयरपोर्ट बनने पर पर्यटन को फायदा मिलेगा। मंडी प्रदेश के केंद्र में स्थित है। शिमला और धर्मशाला के लिए यहां से वाया रोड 4 घंटे लगते हैं। कुल्लू व मनाली के लिए इतना ही समय लगता है। एयरपोर्ट बनने के बाद इससे स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू और शिमला में छोटे एयरपोर्ट हैं।