Farmers Protest: गाजीपुर से लेकर जंतर मंतर तक बढ़ाई गई सुरक्षा, राकेश टिकैत से मिलने पहुंच सकती हैं ममता बेनर्जी
Farmers Protest: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी से मुलाकात करने के लिए पहुंच सकती है। इस दौरान सीएम ममता बनर्जी भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से भी मुलाकात करेंगी। यहां पर ममता बनर्जी तीनों कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को भी संबोधित कर सकती हैं।

जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' के बीच राकेश टिकैत का ऐलान
Farmers Protest नए कृषि कानूनों (Farmlaws) को लेकर दिल्ली की सीमाओं से लेकर जंतर मंतर (Jantar Mantar) तक किसानों का हल्लाबोल जारी है। केंद्र के खिलाफ किसान 8 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। वहीं देश के संसद में मानसून (Parliament Session) सत्र चल रहा है। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने जंतर मंतर पर किसान संसद का आयोजन कर रखा है। इसमें हर दिन 200 नए किसान पहुंचकर किसान संसद की कार्यवाही का आगे बढ़ा रहे है। वहीं शुक्रवार को यहां ममता बेनर्जी के पहुंचने की संभावना जताई है। इसी को देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर से लेकर जंतर मंतर तक की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
राकेश टिकैत से मिलने पहुंच सकती है ममता बेनर्जी
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Farmers Leader Rakesh Tikait) ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि हम 5 सितंबर को पंचायत करेंगे। पंचायत में हम आंदोलन को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि किसान संसद से किसानों ने गूंगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर प्रदर्शनकारी से मुलाकात करने के लिए पहुंच सकती है। इस दौरान सीएम ममता बनर्जी भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से भी मुलाकात करेंगी। यहां पर ममता बनर्जी तीनों कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को भी संबोधित कर सकती हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने यूपी गेट पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था कर दी है।
एसकेएम ने राष्ट्रपति से की ये अपील
इससे पहले, बीते दिन एसकेएम ने कहा कि 'किसान संसद' ने भी संकल्प लिया और भारत के राष्ट्रपति से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि संसद की सर्वोच्चता बरकरार रहे। एसकेएम ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में लोगों के दुख- दर्द तथा जीवन और मृत्यु के मुद्दों समेत गंभीर मुद्दों पर चर्चा की अनुमति नहीं दी गयी। बयान में कहा गया कि मोदी सरकार अपने कार्यकाल के दौरान नियमों और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार संसद की कार्यवाही का संचालन करने में बुरी तरह विफल रही है।