Hari bhoomi hindi news chhattisgarh
toggle-bar

Delhi: नजफगढ़ में बन रही कृत्रिम झील, Saurabh Bhardwaj ने किया निरीक्षण, जानें खासियत

दिल्ली (Delhi) को झीलों का शहर (City of Lakes) बनाने के उद्देश्य से युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में नजफगढ़ एसटीपी (Najafgarh STP) में एक 4 एकड़ में एक कृत्रिम झील बनवाई जा रही है। पढ़ें इस झील की खासियत...

Delhi Artificial lake built in Najafgarh Saurabh Bhardwaj inspected Read specialty of the lake
X

जल मंत्री Saurabh Bhardwaj।

दिल्ली (Delhi) को झीलों का शहर (City of Lakes) बनाने के उद्देश्य से युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में नजफगढ़ एसटीपी (Najafgarh STP) में एक 4 एकड़ में एक कृत्रिम झील बनवाई जा रही है। जल मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने शनिवार को नजफगढ़ एसटीपी झील (Najafgarh STP Lake) का जायजा लिया है। इस मौके पर जल मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कृत्रिम झील को उम्मीदों के अनुरूप बदलने और समय से गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा करें। साथ ही कहा कि इकोलॉजिकल सिस्टम को बनाए रखने और लागत प्रभावी तरीकों के साथ ज्यादा से ज्यादा अंडरग्राउंड वाटर रिचार्ज करने के लिए परियोजना को तैयार करें। सौरभ ने बताया कि नजफगढ़ एसटीपी झील का निर्माण कार्य प्रगति पर है और इसके पूरा होने के बाद परिसर में मौजूद एसटीपी का साफ पानी इस झील में छोड़ा जाएगा।

भूजल स्तर में 3.24 मीटर की वृद्धि

केजरीवाल सरकार की ओर से ये नजफगढ़ द्वारका इलाके में चौथी झील बनकर तैयार हो रही है। इसके बनने से पानी को स्टोर कर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी और वाटर ट्रीटमेंट में भी फायदा होगा। बता दें कि वर्तमान में पप्पनकलां फेज-2 का पानी नजफगढ़ एसटीपी झील में 4 किमी लंबी एक पाइपलाइन के जरिए पंप किया जा रहा है। जोकि बीओडी 10, टीएएसएस10 और एनजीटी के पैरामीटर के अनुसार है। यहां झील में डेढ़ महीने पहले से ही पानी भरना शुरू किया गया है और केवल 45 दिनों में ही झील के भूजल स्तर में 3.24 मीटर की वृद्धि देखी गई है।

झील के किनारे ट्यूबवेल्स स्थापित किए जाएंगे

सौरभ ने कहा कि झील के चारों ओर लैंडस्केपिंग का कार्य कुछ महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। वहीं उन्होंने कहा कि नजफगढ़ एसटीपी झील में लोग प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। यहां लोगों के टहलने के लिए वॉकिंग ट्रेक भी होगा। बर्ड वॉचिंग स्पॉट और अन्य मनोरंजक गतिविधियों के लिए भी सुविधाएं होगी। झील के किनारे जल्द ही ट्यूबवेल्स स्थापित किए जाएंगे, जोकि द्वारका के विभिन्न इलाकों में जलापूर्ति बढ़ाने में मदद करेंगे। झील कार्बन भंडारण के लिए एक सिंक के रूप में भी काम करेगी। पौधों, पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों के लिए आशियाना बनेगी। झीलों के आस-पास पर्यावरण तंत्र को जीवंत करने के लिए देसी पौधे लगाए जा रहे हैं।

ये भी पढ़ें...जुलाई में खुलेगी तिमारपुर झील, रोजाना 20 मिलियन गैलन पानी होगा रिचार्ज

और पढ़ें
Abhinav Raj

Abhinav Raj

अभिनव राज, हरिभूमि वेबसाइट में सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। पिछले 2 वर्षों से मीडिया क्षेत्र (इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल) में काम कर रहे हैं। मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई करने के साथ अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2021 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से की। इसके बाद साल 2022 से हरिभूमि वेबसाइट के नेशनल सेक्शन में कार्यरत हैं। देश-दुनिया और राजनीति की खबरों को गहराई से समझने के लिए अभिनव को फॉलो करें…


Next Story