Hari bhoomi hindi news chhattisgarh

मैंटेनेस बगैर मिशन सिक्योर होने लगा बीमार, पुलिस को मुश्किल से लीड

शहर में सुरक्षा के लिहाज से लगाए गए कैमरों ने मेंटेनेंस के अभाव में अब दम तोड़ दिया है। किसी-किसी जगह पर कैमरे चालू तो हैं लेकिन तस्वीरें कैद करने वाले लेंस खराब हो चुके हैं। विजिब्लिटी की क्षमता कमजोर पड़ने की वजह से तस्वीरें धुंधली होने लगी हैं।

मैंटेनेस बगैर मिशन सिक्योर होने लगा बीमार, पुलिस को मुश्किल से लीड
X
ट्रैफिक पुलिस (प्रतीकात्मक फोटो)

शहर में सुरक्षा के लिहाज से लगाए गए कैमरों ने मेंटेनेंस के अभाव में अब दम तोड़ दिया है। किसी-किसी जगह पर कैमरे चालू तो हैं लेकिन तस्वीरें कैद करने वाले लेंस खराब हो चुके हैं। विजिब्लिटी की क्षमता कमजोर पड़ने की वजह से तस्वीरें धुंधली होने लगी हैं। लॉकडाउन खुलने के बाद अगर कहीं भी गंभीर किस्म का अपराध हुआ आरोपियों तक पहुंचने पुलिस को लीड मिलना मुश्किल है।

मिशन सिक्योर अभियान के तहत दो साल पहले पुलिस ने 3 हजार कैमरों का जाल अलग-अलग लेयर में फैलाया था। इन कैमरों के साथ शहर में आईटीएमएस प्रोजेक्ट में ट्रैफिक रूल्स सुधारने भी सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया। हालांकि आईटीएमएस प्रोजेक्ट में पुलिस को बेहतर रिजल्ट मिला जब गाड़ी चालकों के लापरवाही बरतने पर सिस्टम ने नंबर का लोकेशन ट्रेस किया।

नंबर और तस्वीरें सिस्टम में कैद करते हुए पुलिस ने ऑनलाइन चालान की कार्रवाई भी की। अपराधों के मामले में पुलिस की विवेचना इन दिनों प्रभावित है क्योंकि सड़कों पर आम जनसहयोग से लगवाए गए कैमरों ने काम करना बंद कर दिया।

कैमरे नहीं, फोन के फुटेज से सनसनी

पिछले आठ से दस महीनों में पुलिस का इन्वेस्टिगेशन सुरक्षा में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से कम, बल्कि दूसरों की तरफ से बनाए गए मोबाइल फुटेज के हिसाब से आगे बढ़ी है। एक नाबालिग द्वारा चाकूबाजी से हत्या, अपराधी गैंग की तरफ से मारपीट कर विडियो बनाकर वायरल करने के संगीन अपराधों में मोबाइल फुटेज ने खुलासा किया। शहर में लगे कैमरों से संदेहियों की धरपकड़ का प्रतिशत थानों में फिलहाल शून्य है।

लॉकडाउन में मेंटेनेंस का काम मुश्किल

आम जनसहयोग द्वारा लगाए गए कैमरों के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी उन्होंने अपने पास रखी थी। कारोबारी संगठनों के साथ सामाजिक संगठनों और फिर मोहल्ला विकास समितियों ने अपने खर्च से कई चौराहों, मार्गों में कैमरे लगवाए। जब लॉकडाउन हुआ तब इन कैमरों का मेंटेनेंस काम भी रुक गया। अंधड़ बारिश और तेज कड़ाके की धूप में बिना किसी देखरेख के कैमरों के लेंस कई जगह खराब हो गए।

चोरों का फुटेज नहीं, कई केस हुए पेंडिंग

थानों में अभी नकबजनी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद कई केस पेंडिंग हैं। सूने मकानों में हुई वारदात के मामले में पुलिस ने इसे ब्लाइंड केस के रूप में रखा है। लॉकडाउन खुलने के बाद 40 से ज्यादा चोरी के ऐसे केस हैं जिसमें अज्ञात लोगों ने परिवार की गैरमौजूदगी में सोने-चांदी के गहने उड़ाए हैं। पुलिस को आसपास की सड़कों पर लगे कैमरे से कोई क्लू नहीं मिल सका है।


और पढ़ें
Next Story