बीएड कॅालेजों का पत्र-वक्त कम, रद्द करें प्रवेश परीक्षा, दूसरे एंट्रेंस टेस्ट भी अधर में लटके
प्रदेश के बीएड और डीएलएड कॉलेजों द्वारा शासन को पत्र लिखकर प्रवेश परीक्षा के बजाय मेरिट के आधार पर छात्रों को एडमिशन देने की मांग की गई है। महाविद्यालयाें का कहना है कि यदि प्रवेश परीक्षाएं ली जाती हैं तो काउंसिलिंग प्रक्रिया अक्टूबर माह तक चलेगी। देर के कारण फिर से छात्र पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे इसलिए पिछले वर्ष की व्यवस्था इस वर्ष भी लागू करने की मांग काॅलेज कर रहे हैं।

प्रवेश परीक्षा (प्रतीकात्मक फोटो)
प्रदेश के बीएड और डीएलएड कॉलेजों द्वारा शासन को पत्र लिखकर प्रवेश परीक्षा के बजाय मेरिट के आधार पर छात्रों को एडमिशन देने की मांग की गई है। महाविद्यालयाें का कहना है कि यदि प्रवेश परीक्षाएं ली जाती हैं तो काउंसिलिंग प्रक्रिया अक्टूबर माह तक चलेगी। देर के कारण फिर से छात्र पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे इसलिए पिछले वर्ष की व्यवस्था इस वर्ष भी लागू करने की मांग काॅलेज कर रहे हैं। प्रदेश में बीएड की 14 हजार तथा डीएलएड की 6 हजार सीटें हैं। बीएड में स्नातक के प्राप्तांक तथा डीएलएड में 12वीं के प्राप्तांकों पर सीटें आवंटित की गई थीं।
कोरोना के कारण सत्र 2020-21 की शुरुआत देर से हुई थी। आवेदन सहित काउंसिलिंग व अन्य प्रक्रियाएं भी महीनों चली थीं। सीटें रिक्त रहने की स्थिति में संस्था स्तर पर प्रदेश देेने की छूट अंत में प्रदान कर दी गई थी। इसके चलते जनवरी माह तक कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया चलती रही। अध्यापन कार्य इसके बाद ही शुरू हो सका था। सत्र 2021-22 में भी इस तरह की स्थिति निर्मित न हो इसलिए 12वीं और महाविद्यालयीन नतीजे आते ही एडमिशन प्रारंभ करने की मांग शासन से की गई है।
कोई अधिसूचना नहीं
प्री-बीएड और प्री-डीएलएड के अलावा अन्य प्रवेश परीक्षाओं को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कोरोना की पहली लहर समाप्त होने के पश्चात व्यापम द्वारा पीईटी, पीपीएचटी, पीएटी, प्री-एमसीए सहित अन्य प्रवेश परीक्षाओं की तिथियां जारी कर दी गई थीं। अप्रैल से मई तक आवेदन प्रक्रिया चलने के बाद जून माह में प्रवेश परीक्षाएं आयोजित होनी थीं लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण आवेदन प्रक्रिया व परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं। इन परीक्षाओं की नवीन तिथियों के लिए कोई अधिसूचना अब तक व्यापम द्वारा जारी नहीं की गई है।
संक्रमण का खतरा
बीते वर्ष बीएड-डीएलएड की काउंसिलिंग में 65 हजार कैंडिडेट्स शामिल हुए थे। यदि प्रवेश परीक्षा ली जाती है तो संक्रमण का खतरा रहेगा। साथ ही वक्त भी कम है।