आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बर्खास्त, सीडीपीओ के निलंबन की सिफारिश, 'रेडी टू ईट' मामले में कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 10 महीने से पूरक पोषण आहार रेडी टू ईट वितरण नहीं होने की खबर मिलने के बाद कलेक्टर ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समेत कई पर कार्रवाई की गई है। पढ़िए पूरी खबर-

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बलरामपुर। एक तरफ जहां महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा छत्तीसगढ़ के 22,000 आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका बनाकर कुपोषण से लड़ने का दावा किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ बलरामपुर जैसे कुछ ऐसे जिले भी हैं, जहां रेडी टू ईट तो उपलब्ध है, लेकिन उसे बांटने में कोताही बरती जा रही है। आपको बता दें कि बलरामपुर जिले के बड़ी चलगली क्षेत्र में पिछले 10 महीने से रेडी टू ईट नहीं बट रहा था। इसकी सूचना न्यूज़ चैनल 'INH' तक पहुंची थी। 'INH' ने इस सूचना की तस्दीक करते हुए विस्तार से खबर प्रसारित की। खबर के प्रसारण के बाद जिला प्रशासन ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सबसे पहले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीता को हटा दिया है। वहीं सुपरवाइजर सुनीता मिंज का 2 वर्ष का इंक्रीमेंट रोक दिया गया है। कलेक्टर चंद्रवाल ने सीडीपीओ कमलावती खाखा को निलंबित करने के लिए राज्य शासन को पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने सीडीपीओ की लापरवाही के कारण सीडीपीओ को निलंबित करने की अनुशंसा की है। कलेक्टर द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के कर्मचारियों पर की गई इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद पूरे विभाग में और कई आंगनबाड़ी केंद्रों में हड़कंप का माहौल है।