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मीसा भारती ने हाथरस मामले पर न्यायालय से संज्ञान लेने की रखी मांग, गुंजन ने नीतीश पर गठबंधन धर्म निभाने का लगाया आरोप

राजद नेता एवं राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने यूपी के हाथरस मामले पर न्यायालय से संज्ञान लेने की मांग की है। साथ ही पीड़िता के शव का अपमानजनक तरीके से अंतिम संस्कार करने के दोषी प्रशासिनक अफसरों को बर्खास्त करने की मांग उठाई है। इसके अलावा बिहार युवा कांग्रेस नेता गुंजन पटेल ने मामले को लेकर नीतीश कुमार पर गठबंधन धर्म निभाने का आरोप लगाया है।

misa bharti demands to take cognizance of court on hathras case
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यूपी के हाथरस मामले पर बिहार में गरमाई सियासत।

बिहार में भी यूपी के हाथरस सामूहिक बलात्कार व पीड़िता की हत्या के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। मामले पर राजद नेता एवं राज्यसभा सांसद मीसा भारती ने भी गुरुवार को ट्वीट कर निंदा जाहिर की है। मीसा भारती ने हाथरस मामले पर न्यायालय से संज्ञान लेने की मांग की है। वहीं मीसा भारती ने हाथरस सामूहिक बलात्कार व हत्या पीड़िता के शव का जोर जबरदस्ती और अपमानजनक तरीके से अंतिम संस्कार किये जाने पर निंदा जताई है। साथ ही मीसा भारती ने न्यायालय से इस घृणित कार्य में शामिल पुलिस अफसरों और जिला प्रशासन के अधिकारियों को तुंरंत सेवा से बर्खास्त करने की मांग उठाई है।



कुर्सी की मजबूरी में मामले पर एक भी शब्द नहीं बोले नीतीश कुमार: बिहार युवा कांगेस

दूसरी ओर बिहार युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुंजन पटेल ने मामले को लेकर नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठाया है। गुंजन पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार गजबे गठबंधन 'धर्म' का पालन कर रहे हैं। गुंजन पटेल ने कहा कि यूपी के हाथरस की घटना पर नीतीश कुमार ने अभी तक एक शब्द भी नहीं बोला है। गुंजन पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार को कम से कम मामले पर 'निंदा' तो जाहिर कर देनी ही चाहिये। गुंजन पटेल ने कहा कि कुर्सी की ऐसी भी क्या मजबूरी! लानत है...अत्यंत ही शर्मनाक!



रंजीत राजन ने मामले के लिये आलाकमान को आरोपी ठहराया

सौपोल की पूर्व सांसद एवं कांग्रेस प्रवक्ता रंजीत राजन ने आज ट्वीट के माध्यम से पीड़िता के परिवार की मर्जी के बिना अंतिम संस्कार किये जाने पर निंदा जाहिर की है। साथ ही इसके लिये उन्होंने आलाकमान को आरोपी ठहराया है। रंनजीत राजन ने कहा कि हाथरस बलात्कार की घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जो पुलिस द्वारा बच्ची के परिवार की मर्ज़ी के बग़ैर आधी रात को दाह-संस्कार किया गया है। ये पुलिस की मनमानी नहीं, बल्कि ये तो आलाकमान का आदेश मानना कहा जाएगा।




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