प्रदेश में बेकाबू हुए कोरोना को रोकने के लिए सांसद, मंत्री और विधायकों ने कसी कमर
हिमाचल में बढ़ते कोरोना मामालों से निपटने के लिए अब सांसद, मंत्री, विधायक और जिला परिषद अध्यक्ष ने कमर कस ली है। प्रदेश में यह अभियान 17 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। यह अभियान एक महीने तक चलेगा।

प्रतीकात्मक तस्वीर
हिमाचल में बढ़ते कोरोना मामालों से निपटने के लिए अब सांसद, मंत्री, विधायक और जिला परिषद अध्यक्ष ने कमर कस ली है। प्रदेश में यह अभियान 17 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। यह अभियान एक महीने तक चलेगा। कोविड-19 संक्रमित लोगों की पहचान के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता और डॉक्टर लोगों के घर-घर जाएंगे।
स्वास्थ्य अधिकारी सैंपल जुटाने के बाद जो व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाएगा उसे अस्पताल लाया जाएगा। प्रदेश में अब फिर लोगों को लाउडस्पीकर से जागरूक किया जाएगा। सरकार का मानना है कि लोग कोरोना को हल्के में लेने लगे हैं। बार-बार हिदायत देने के बावजूद मास्क नहीं पहन रहे हैं। कहीं भी भीड़ के रूप में इकट्ठा हो जाते हैं। शादी-समारोहों में भी यही हाल है, जिससे कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है।
सरकार ने प्रदेश में सैंपलिंग बढ़ा दी है। अब 6000 सैंपल लेने के लिए कहा गया है। फील्ड में कोरोना को लेकर क्या-क्या गतिविधियां की जा रही हैं, सरकार ने डीसी को प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। लोगों की लापरवाही से सामुदायिक संक्रमण को बढ़ावा मिल रहा है। इस समय कोरोना संक्रमण का प्रदेश के तीन जिलों में ज्यादा असर दिख रहा है। इनमें मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी, शिमला और जिला कुल्लू शामिल हैं। कोरोना से मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है।