Bahadurgarh : अब स्वास्थ्य विभाग मोहल्लों में चल रहे क्लीनिकों के खिलाफ चलाएगा अभियान
स्वास्थ्य विभाग (Health Department) को शक है कि बहादुरगढ़ की बस्तियों में भी ऐसे क्लीनिक संचालक (Clinic operator) या झोलाछाप हो सकते हैं, जो लोगों को जांच के नाम पर गुमराह करते हों, ठगते हों या फिर सच में जांच कराते हों। अमूमन भ्रूण लिंग जांच के जो मामले सामने आते हैं, उनमें जांच केंद्र किसी बस्ती या गलियों में ही पाए गए हैं।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़
भ्रूण लिंग जांच के लगातार सामने आ रहे मामलों के बीच अब स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की नजर बस्ती, मोहल्लों में मौजूद क्लीनिकों (Clinics) पर भी बनी हुई है। विभाग की ओर से जल्द ही इनके खिलाफ जांच अभियान (Investigation campaign) चलाया जाएगा।
दरअसल, गत 20 अगस्त को गुरुग्राम और झज्जर स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने पीएनडीटी एक्ट के तहत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक आरोपित शिव कुमार था तो दूसरी मंशा देवी थी। ये दोनों भ्रूण लिंग जांच कराने की बात कहकर फर्जी पेशेंट को बहादुरगढ़ स्थित एक अल्ट्रासाउंड केंद्र पर लाए थे। यहीं दोनों पकड़े गए थे। जांच नहीं हुई थी, पूछताछ में सामने आया था कि जांच की आड़ में ठगी का खेल चल रहा था। खैर, दोनों जेल में बंद है। असल बात ये कि शिव कुमार झोला छाप डॉक्टर था और बहादुरगढ़ के नजदीक लगते दिल्ली के घेवरा में क्लीनिक चलाता था। वहीं मंशा देवी भी दिल्ली के एक क्लीनिक पर कार्यरत थी। झोला छाप डॉक्टरों से मामला जुड़ा पाने के बाद विभाग अब और गंभीर हुआ है।
विभाग को शक है कि बहादुरगढ़ की बस्तियों में भी ऐसे क्लीनिक संचालक या झोलाछाप हो सकते हैं, जो लोगों को जांच के नाम पर गुमराह करते हों, ठगते हों या फिर सच में जांच कराते हों। अमूमन भ्रूण लिंग जांच के जो मामले सामने आते हैं, उनमें जांच केंद्र किसी बस्ती या गलियों में ही पाए गए हैं। बहादुरगढ़ शहर में भी कई बस्तियों, गलियों में क्लीनिक मौजूद हैं। लाइनपार क्षेत्र में इनकी संख्या कहीं ज्यादा है। ज्यादातर झोलाछाप हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है शायद इन क्षेत्रों में भी घिनौना खेल खेला जाता हो। इसलिए विभाग ने इन पर नजर रखनी शुरू कर दी है। यदि विभाग गंभीरता से कार्रवाई करे तो लिंग जांच न सही कम से कम कई झोलाछाप डॉक्टरों का पर्दाफाश जरूर हो सकता है, जो लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
भ्रूण लिंग जांच रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे
उधर, डिप्टी सिविल सर्जन (पीएनडीटी) डॉ. अचल त्रिपाठी ने कहा कि होने को तो कुछ भी हो सकता है। यदि किसी के खिलाफ कोई शिकायत या कोई सूचना मिले तो कार्रवाई भी की जाए। सीधे तौर पर जाएं तो शायद ही कुछ मिले। भ्रूण लिंग जांच के प्रति विभाग गंभीर है। भ्रूण लिंग जांच रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। क्लीनिक संचालकों पर भी नजर है।