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सीडीपीओ-सुपरवाइजर का वीडियो वायरल, संसदीय सचिव ने सबके सामने ली क्लास, देखिए वीडियो

महिला व बाल विकास विभाग में कभी रेडी टू ईट तो कभी सामान खरीदी के लिए अक्सर चर्चाओं में रहने वाली सीडीपीओ और सुपरवाइजर अपने कामकाज के प्रति कितने गंभीर होती हैं, इसका एक नमूना छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में फिर सामने आया है। एक बार फिर एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिससे पता चलता है कि विभाग की जिम्मेदार अधिकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों तक ईमानदारी से पहुंचाने के प्रति कितना गंभीर हैं। आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले भी एक ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज के सवालों के सामने एक महिला अफसर की बोलती बंद हो गई थी, अब यह दूसरा वीडियो सामने आया है। पढ़िए पूरी खबर-

सीडीपीओ-सुपरवाइजर का वीडियो वायरल, संसदीय सचिव ने सबके सामने ली क्लास, देखिए वीडियो
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बलरामपुर। जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की एक बड़ी लापरवाही फिर से उजागर हुई है। विभाग में पदस्थ सीडीपीओ और सुपरवाइजर को विभाग की दस में से एक भी योजना की जानकारी होने पर संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने इन अफसरों की क्लास लगा दी, जिसके बाद सीडीपीओ मैडम ने खुद स्वीकारा कि समय-समय पर बड़े अधिकारी डांटते हैं, तो सुधार होता है।

यह जानकर आपको अटपटा जरूर लगेगा, पर बलरामपुर जिले के राजपुर विकासखंड में महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ सीडीपीओ मैडम कमलावती खाखा को अपने विभाग की योजनाओं की जानकारी ही नहीं है। मैडम 8 महीने बाद रिटायर होने वाली हैं, लेकिन विभाग की महत्वपूर्ण 10 योजनाओं में से एक भी योजना की सही जानकारी उन्हें नहीं है। संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने जब खुले मंच से योजनाओं के बारे में उनसे जानना चाहा, तो पहले तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया और उसके बाद चुप्पी साध ली। जब बारी सुपरवाइजर की आई, तो उन्होंने भी मौन धारण कर लिया। अफसरों की लापरवाही को देख संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने खुले मंच से ही अधिकारियों की क्लास लगा दी। उन्होंने कहा जब योजना की जानकारी आपको ही नहीं है, तो इस योजना को संचालित कैसे करेंगे? मामले में जब सीडीपीओ कमलावती खाखा से बातचीत की गई तो, उन्होंने कहा कि बड़े अधिकारी समय-समय पर यदि डांटते हैं, तो इसमें सुधार होता है। संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने इस पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनकी खुद की भी इसमें गलती है। यदि इस योजना के बारे में वे पहले ही पूछ लिये रहते तो शायद यह नौबत आज नहीं आई होती। दरअसल बाड़ी चलगली गांव में कैंप के दौरान संसदीय सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग के इन जिम्मेदार अधिकारियों से उनके विभाग की योजनाओं की जानकारी ली थी। नीचे देखिए इस खबर से संबंधित वीडियो-


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