बिहार बाढ़ : समस्तीपुर में हथौरी घाट के तटबंध का निरीक्षण करने पहुंचे संजय झा
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा शनिवार को बारिश के बीच समस्तीपुर जिले में हथौरी घाट के पास स्थित तटबंध का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान नीतीश कुमार के मंत्री झा ने बाढ़ से निपटने के लिये कराये गये कार्यों के संबंध में अधिकारियों से भी वर्ता की।

बिहार के जल संसाधन मंत्री एवं जदयू नेता संजय कुमार झा शनिवार को बारिश के बीच छाता तानकर समस्तीपुर जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने पहुंचे। इस दौरान संजय कुमार झा ने समस्तीपुर जिले में हथौरी घाट के पास स्थित तटबंध का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने तटबंध के संबंध में अधिकारियों से बातचीत की।
इसके अलावा वहां मौजूद स्थानीय लोगों से भी नीतीश के मंत्री संजय कुमार झा ने तटबंध का फीडबैक भी लिया। इसके बाद संजय कुमार झा तटबंधों के रास्ते ही वरियाही घाट और बहेड़ी के लिये निकल गये। जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने वरियाही घाट पहुंचकर वहां कराये गये बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों का निरीक्षण किया। वहीं मंत्री ने वरियाही घाट के पास रहने वाले लोगों से उनकी राय जानी। साथ ही इन तटबंधों की स्थाई सुरक्षा के मुद्दे पर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया।
डबल इंजन सरकार ने बाढ़ से निपटने का नहीं किया कोई भी इंतजाम : कांग्रेस
बिहार कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट से शनिवार को ट्वीट कर बाढ़ को लेकर बिहार सरकार पर निशाना साधा गया। ट्वीट में कहा गया कि बिहार में हर साल बाढ़ आती है। फिर भी डबल इंजन सरकार 15 सालों के शासन में बाढ़ से निपटने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं कर पाई है। राज्य की 50 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। लेकिन बिहार सरकार राहत प्रदान करने में नाकाम हो गई है।
राजद ने सुशील मोदी पर किया पलटवार
बिहार के डिप्टी सीएम ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस-शिवसेना-एनसीपी शासित महाराष्ट्र कोरोना का हॉट स्पॉट बना हुआ है। वहां मृतकों की संख्या 16 हजार पार कर चुकी है व मुम्बई बारिश के पानी में डूब रही है। इसी को लेकर राजद के आधिकारिक ट्विटर अकांउट से ट्वीट कर निशाना साधा गया। राजद ने कहा कि बिहार में तो बाढ़ आई ही नहीं है। 70 लाख बिहारवासी मनोरंजन के लिए 'घो घो रानी, केतना पानी' खेल रहे हैं। बिहार में कोरोना के 99 प्रतिशत मरीज़ों के लिए अस्पताल में जगह ही नहीं है। होम क्वारंटाइन हुए लोगों की कोई सुनवाई, कॉउंसलिंग नहीं हो रही। ऐसे मृतकों को आंकड़ों से भी बाहर रखा जा रहा है।