वर्ल्ड टीबी डे: जानलेवा हो सकता है ट्यूबरक्लोसिस, जानें टीबी के लक्षण-उपचार के बारे में सब कुछ
वर्ल्ड टीबी डे: टीबी जिसे हिंदी में क्षय रोग और मेडिकल भाषा में ट्यूबरक्लोसिस कहते हैं एक बैक्टीरिया जनित रोग है। यह एक बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है। यह आपके शरीर के किसी भी अंग में रक्त के माध्यम से पहुंच सकता है।

टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस एक बैक्टीरिया जनित संक्रामक रोग है। इस बीमारी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि यह कैसे फैलता है, इसके प्रमुख लक्षण क्या हैं, इसका उपचार क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है? टीबी के संबंध में टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत कुमार उपयोगी जानकारियां दे रहे हैं।
टी.बी. जिसे हिंदी में क्षय रोग और मेडिकल भाषा में ट्यूबरक्लोसिस कहते हैं एक बैक्टीरिया जनित रोग है। यह एक बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है।
यह भी पढ़ें: पीरियड्स के दर्द से लेकर कैंसर तक इन बीमारियों के लिए 'हीरा' है 'खीरा'
यह आपके शरीर के किसी भी अंग में रक्त के माध्यम से पहुंच सकता है। अधिकतर यह फेफड़ों को प्रभावित करता है। जब भी कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता है या छींकता है तो हवा में उपस्थित कणों के संपर्क से यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित होता है। इस बार टीबी डे की थीम-वॉन्टेड: लीडर्स फॉर टीबी फ्री वर्ल्ड है।
टीबी के प्रकार
- सामान्यतया टीबी दो अवस्थाओं में होता है, सुप्त टीबी-इस स्थिति में शरीर में उपस्थित बैक्टीरिया इनएक्टिव अवस्था में रहता है और कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। सुप्त टीबी, दूसरों को फैलता नहीं है।
- सक्रिय टीबी- यह स्थिति आपको रोगी बनाती है और दूसरे में फ़ैल भी सकती है। यह टीबी, बैक्टीरिया से संक्रमण के शुरुआती कुछ सप्ताहों में या वर्षों बाद प्रकट हो सकती है।
अगली स्लाइड्स में जानें टीबी के लक्षण और उपचार समेत सभी जानकारी...
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App