आखिर क्यों तड़प जाती हैं महिलाएं सूतिका ज्वर से, जानें इसके लक्षण और कारण
प्रेग्नेंट महिलाओं को जब यह बुखार गंभीर स्तिथि में पहुंच जाता है तो इसे सूतिका बुखार कहा जाता है। वहीं इसी बीच आज हम आपको इस बुखार के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही सूतिका बुखार के लक्षण और कारण भी बताएंगे। तो आइए जानते हैं सूतिका बुखार के बारे में।

साधारण बुखार के बारे में तो सभी जानते हैं जिसमें खांसी, सिरदर्द जैसी दिक्कत होती है। वहीं एक बुखार काफी तेज सर्दी लगते हुए आता है। जिसमें रजाई ओढ़ने के बाद भी ठंड लगती है। यह बुखार प्रेग्ननेंट महिलाओं को होने का ज्यादा डर रहता है। इस कारण ही उन्हें सर्दी से बचने के लिए कहा जाता है।
प्रेग्नेंट महिलाओं को जब यह बुखार गंभीर स्तिथि में पहुंच जाता है तो इसे सूतिका बुखार कहा जाता है। वहीं इसी बीच आज हम आपको इस बुखार के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके साथ ही सूतिका बुखार के लक्षण और कारण भी बताएंगे। तो आइए जानते हैं सूतिका बुखार के बारे में।
सूतिका बुखार के लक्षण
- बुखार के दौरान वात, पित्त और कफ तीनों में वृद्धि होना
- ज्यादा सर्दी लगना
-नाड़ी बहुत तेज चलना
- पेट में नाभि के आस-पास बहुत तेज दर्द होना
- लगातार जम्हाई आने की समस्या होना
- स्वाद का पता नहीं चलना
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सूतिका बुखार के कारण
- आमतौर पर यह बुखार बच्चे के पैदा होने के 3-4 दिन के अंदर होता है। इसका मुख्य कारण होता है बच्चे के जन्म के दौरान शिशु के नारबेल का कुछ हिस्सा गर्भाश्य में रह जाना।
- प्रेग्नेंसी के दौरान महिला की सही तरीके से देखभाल न होना। इसके साथ ही जिन महिलाओं को बच्चे के जन्म के बाद अच्छे से देखभाल नहीं मिलती है उनमें भी सूतिका ज्वर होने का खतरा ज्यादा रहता है।