Paralympics Tokyo 2020: पैरालंपिक में भारत को झटका, डिस्कस थ्रो में विनोद कुमार को नहीं मिलेगा कांस्य पदक

Paralympics Tokyo 2020:  पैरालंपिक में भारत को झटका, डिस्कस थ्रो में विनोद कुमार को नहीं मिलेगा कांस्य पदक
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टोक्यो पैरालंपिक में भारत को बड़ा झटका लगा है। दरअसल रविवार को देश के लिए डिस्कस थ्रो में विनोद कुमार ने जो कांस्य पदक जीता था वह मेडल उन्हें नहीं दिया जाएगा।

खेल। टोक्यो पैरालंपिक (Paralympics Tokyo 2020) में भारत को बड़ा झटका लगा है। दरअसल रविवार को देश के लिए डिस्कस थ्रो (Discus thrower) में विनोद कुमार (Vinod Kumar) ने जो कांस्य पदक जीता था वह मेडल उन्हें नहीं दिया जाएगा। बता दें कि विनोद कुमार को मेडल देने पर विरोध हुआ था जिसके बाद पदक को होल्ड पर रखा गया था, इसके बाद अब इसका फैसला आया है कि उन्हें मेडल नहीं दिया जाएगा।

वहीं टोक्यो पैरालंपिक के तकनीकी प्रतिनिधि ने तय किया है कि विनोद कुमार डिस्कस थ्रो के F52 क्लास के लिए योग्य नहीं हैं। क्योंकि विनोद के विकार के क्लासिफिकेशन पर विरोध जताया गया था और अब इसके बाद उनके मेडल पर रोक लग गई है। रविवार को उन्होंने मुकाबले में 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरा स्थान हासिल किया था।

जब विनोद को कांस्य पदक मिला तो एफ 52 के उनके क्लासिफिकेशन पर आपत्ति जताई गई थी। आयोजकों ने अब बयान जारी करते हुए बताया कि पैनल ने पाया कि एनपीसी यानी राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति भारतीय एथलीट को स्पोर्ट क्लास आवंटित नहीं कर पाया, जिस कारण उनका क्लासिफिकेशन पूरा नहीं किया। क्योंकि एथलीट पुरुष की एफ 52 डिस्कस थ्रो के लिए आयोग्य है और स्पर्धा में उनका नतीजा अमान्य है।

बता दें कि एफ 52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं। जैसे कि एथलीट के हाथों में विकार हो, पैर की लंबाई में अंतर हो, इन्हीं खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने की अनुमति है। साथ ही रीढ़ की हड्डी में भी चोट वाले एथलीट भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं। इसके साथ ही पैरा खिलाड़ियों को उनके विकार के आधार पर कैटेगरी में रखा जाता है। क्लासिफिकेशन प्रणाली में उन खिलाड़ियों को प्रतियोगिता मे भाग लेने की अनुमति मिलती है जिनका विकार एक समान हो।

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