Indo-Japan Samvad Conference: पीएम मोदी बोले- लर्निंग ऐसी होनी चाहिए जो इनोवेशन को आगे बढ़ाए
बौद्ध साहित्य और दर्शन का महान खजाना (Treasure ) कई देशों और भाषाओं में विभिन्न मठों में पाया जा सकता है। लेखन का यह शरीर समग्र रूप से मानव जाति का खजाना है।

पीएम मोदी, फोटो एएनआई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत-जापान संवाद को निरंतर समर्थन के लिए जापान सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा।
इस मंच (Forum) ने भगवान बुद्ध के विचारों और आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए बहुत काम किया है, खासकर युवाओं में। ऐतिहासिक रूप से बुद्ध के संदेशों की रोशनी भारत से दुनिया के कई हिस्सों में फैली। हालांकि ये रोशनी स्थिर नहीं रही, सदियों से हर नए स्थान जहां बुद्ध के विचार पहुंचे वो विकसित होते रहे।
बौद्ध साहित्य और दर्शन का महान खजाना (Treasure ) कई देशों और भाषाओं में विभिन्न मठों में पाया जा सकता है। लेखन का यह शरीर समग्र रूप से मानव जाति का खजाना है। आज मैं पारंपरिक बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के एक पुस्तकालय का निर्माण प्रस्तावित करना चाहूंगा। हमें भारत में इस तरह की फैसिलिटी बनाने में खुशी होगी और हम इसके लिए उपयुक्त संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह पुस्तकालय अनुसंधान और संवाद के लिए एक मंच भी होगा। जो मनुष्य के बीच एक सच्चा संवाद, समाजों के बीच और मनुष्य और प्रकृति के बीच है। इसके अनुसंधान जनादेश में यह जांचना भी शामिल होगा कि बौद्ध संदेश समकालीन चुनौतियों के खिलाफ हमारे आधुनिक दुनिया को कैसे निर्देशित कर सकते हैं।
संवाद ऐसा होना चाहिए जो हमारे ग्रह पर सकारात्मकता, एकता और करुणा की भावना फैलाए। वह भी ऐसे समय में जब हमें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो। यह संवाद मानव इतिहास के एक महत्वपूर्ण क्षण में हो रहा है। हमारे आज के किये गए कार्य आने वाले समय में प्रवचन को आकार देंगे।
यह दशक उज्ज्वल युवा दिमाग के पोषण के बारे में होगा, जो आने वाले समय में मानवता के लिए मूल्य जोड़ देगा। लर्निंग ऐसी होनी चाहिए जो इनोवेशन को आगे बढ़ाए। आखिरकार, इनोवेशन मानव सशक्तीकरण की आधारशिला है।