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ICMR Dietary Guidelines: हैदराबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन (NIN) डायरेक्टर डॉ. हेमलता आर. की अगुआई वाली कमेटी द्वारा तैयार गाइडलाइन में कई वैज्ञानिक समीक्षाओं के बाद 17 अहम प्वाइंट शामिल किए गए।

ICMR Dietary Guidelines: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारतीय नागरिकों के लिए खान-पान (डाइट) से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें सुझाव दिया गया है कि लोग प्रोटीन सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा नमक की खपत, शुगर और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को कम से कम यूज किया जाए। साथ ही फूड लेबल्स की जानकारी को गौर से पढ़ें ताकि हेल्दी फूड को डाइट में शामिल करने के लिए चुना जा सके।

हैदराबाद के NIN ने तैयार की है गाइडलाइन 
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से संबद्ध हैदराबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन (NIN) ने बॉडी मास बढ़ाने के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट्स इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। इसके अलावा गाइडलाइन में नमक की खपत को कम करने, चीनी (शुगर) और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड आइटम्स को कम से कम करने और फूड लेबल्स की जानकारी को ध्यान से पढ़ने का सुझाव नागरिकों को दिया है।

गाइडलाइन में 17 प्वाइंट, हाई प्रोटीन से नुकसान
NIN की डायरेक्टर डॉ. हेमलता आर. की अगुआई वाली कमेटी द्वारा तैयार गाइडलाइन में कई वैज्ञानिक समीक्षाओं के बाद 17 अहम प्वाइंट शामिल किए गए। आईसीएमआर-NIN ने कहा है कि प्रोटीन पाउडर का लंबे समय तक सेवन करने या हाई प्रोटीन वाले प्रोडक्ट लेने का शरीर पर विपरीत असर पड़ता है। इससे हड्डियों का मिनरल कम हो जाता है और किडनी को भी नुकसान पहुंच सकता है।

ICMR के दिशा-निर्देशों में क्या है खास बातें?

  • गाइडलाइन के मुताबिक, शुगर का इस्तेमाल कुल ऊर्जा का 5 प्रतिशत से कम होना चाहिए। एक बैलेंस डाइट अनाज और बाजरा से 45 प्रतिशत तक कैलोरी प्रदान करता चाहिए। शुगर, दाल, राजमा और मीट से 15 प्रतिशत कैलोरी मिलनी चाहिए। बाकी कैलोरी नट्स, सब्जियां, फल और दूध से आनी चाहिए, जबकि कुल फैट की खपत बराबर या 30 प्रतिशत ऊर्जा से कम होनी चाहिए।
  • पल्स और मीट की सीमित उपलब्धता और मूल्य को ध्यान में रखते हुए आईसीएमआर-NIN ने कहा है कि भारतीय आबादी का बड़ा हिस्सा अनाज पर निर्भर है, जिससे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की खपत में गिरावट आती है।
  • साइड इफेक्ट्स को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कम खपत शरीर के साइडेटेबोलिज्म को बिगाड़ सकती है। इससे कम उम्र से ही इंसुलिन प्रतिरोध और इससे जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।

हेल्दी लाइफस्टाइल से नहीं आएगी जल्दी मौत 
सेंट्रल हेल्थ मॉनिटरिंग बॉडी के मुताबिक, भारत में कुल बीमारियों के लिए करीब 56.4 फीसदी गलत खान-पान की आदतें जिम्मेदार हैं। गाइडलाइन में कहा गया है कि शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ आहार एक अहम भागीदार हो सकते हैं। इससे टाइप 2 डायबिटीज़, हार्ट डिजीज़, हाइपरटेंशन (HTN) और हाई इम्युनिटी का खतरा 80 फीसदी तक कम किया जा सकता है। लोगों के हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने से बड़े पैमाने पर उम्र से पहले मौतों को टाला जा सकता है।

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