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Amritpal Singh Lok Sabha Election: ​​​​​​​अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने 23 फरवरी को पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था।

Amritpal Singh Lok Sabha Election: खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह ने असम की डिब्रूगढ़ जेल से अस्थाई रिहाई के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमृतपाल ने याचिका में कहा कि वह लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहा है। नामांकन दाखिल करने के लिए 7 दिनों की अस्थाई रिहाई दे दी जाए। इस मामले में शुक्रवार, 10 मई को हाईकोर्ट में जस्टिस विनोद एस भारद्वाज सुनवाई करेंगे।

अमृतपाल राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उन्होंने पंजाब के श्री खडूर साहिब लोकसभा सीट से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इस सीट पर आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होना है।

नामांकन की आखिरी तारीख 14 मई
अपनी याचिका में अमृतपाल सिंह ने 7 दिनों के लिए रिहा करने का आदेश देने की मांग की, ताकि वह 14 मई को समय सीमा समाप्त होने से पहले चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर सकें। उन्होंने जेल अधिकारियों को कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश देने की भी मांग की है। जिसमें उनकी तस्वीर खींचना और नया बैंक खाता खोलना शामिल है।

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता भारत का नागरिक है और खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से इलेक्टर है और इसलिए चुनाव लड़ने के लिए योग्य है। याचिका में इस बात का भी जिक्र है कि अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट को उनके नामांकन दाखिल करने के लिए दिशानिर्देश प्रदान करने के लिए पत्र लिखा है।

पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार हुआ था अमृतपाल
अमृतपाल सिंह को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत हिरासत में लिया गया था। अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने 23 फरवरी को पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था।

हमलावरों ने अमृतपाल के समर्थक लवप्रीत तूफान को छुड़ा लिया था। तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा करने और मारपीट के आरोप में हिरासत में लिया था। इस दौरान पूरे 8 घंटे उपद्रव और बवाल हुआ था। 
 

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