अफगानी छात्रों से केंद्र सरकार ने जाना उनका कुशलक्षेम, हर सम्भव सहायता मिलेगी
एमडीयू में इस समय दस अफगानी छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें 4 छात्र दिल्ली में रह कर और 6 रोहतक में पढ़ाई कर रहे हैं। इन छह छात्रों ने ही मंगलवार को मदद की गुहार लगाई थी। इनसो ने मदवि के एक्टिविटी सेंटर में इन छात्रों के लिए बुधवार को हेल्पलाइन जारी करते हर सम्भव सहायता देने की बात कही थी।

महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (फाइल फोटो)
रोहतक : संकट में घिरे अफगानिस्तान के छात्र हरियाणा में अपने-आपको बिल्कुल भी अकेला न समझें। जहां हरियाणा सरकार (Haryana Government) उनकी मदद करने को तत्पर है। वहीं केंद्र भी परेशान छात्रों को लेकर संजीदगी दिखा रही है। केंद्र सरकार ने उच्चतर शिक्षा निदेशालय (Directorate of Higher Education) से सूचना मांगी कि हरियाणा में कितने अफगानी छात्र (Afghan students) शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके बाद निदेशालय ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (Maharishi Dayanand University) समेत दूसरी यूनिवर्सिटी को भारत सरकार का संदेश भेजकर अफगानी छात्रों का अपडेट जाना।
एमडीयू में इस समय दस अफगानी छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें 4 छात्र दिल्ली में रह कर और 6 रोहतक में पढ़ाई कर रहे हैं। इन छह छात्रों ने ही मंगलवार को मदद की गुहार लगाई थी। इनसो ने मदवि के एक्टिविटी सेंटर में इन छात्रों के लिए बुधवार को हेल्पलाइन जारी करते हर सम्भव सहायता देने की बात कही थी। केंद्र सरकार ने छात्रों का हाल जाना है।
बुधवार को सरकार को रिपोर्ट भेजने से पूर्व एमडीयू के विदेशी छात्र सेल ने सभी दस छात्रों से फोन पर सम्पर्क किया और विश्वविद्यालय बुलाया। इनमें से छह छात्र ही यूनिवर्सिटी पहुंचे। क्योंकि चार छात्र दिल्ली में हैं। छह छात्रों से अधिकारियों ने बातचीत करके उनकी परेशानी जानी। बताया जा रहा है कि छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को कहा है कि उनके पास खत्म हो चुका है। इस पर अधिकारियों ने छात्रों को आश्वस्त किया कि जल्द ही राज्य सरकार के निर्देश पर व्यवस्थाएं कर दी जाएंगी।
12 छात्रों ने विभिन्न कोर्स में दाखिला लिया
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शिक्षा सत्र 2019-20 में 52 और 2020-21 में 12 छात्रों ने विभिन्न कोर्स में दाखिला लिया था। इनमें 54 छात्र अपने वतन लौट चुके हैं। जबकि दस की शिक्षा जारी है। दस में से एक छात्र शिक्षा सत्र 2019-20 का है। जबकि 9 छात्र 2020-21 के हैं। इन दस में चार अफगानी विद्यार्थी इस समय दिल्ली में और छह रोहतक के पीजी में रह रहे हैं। क्योंकि कोरोना काल में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल खाली करवा दिए थे। हालांकि कुछ समय तक छात्र यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल हॉस्टल में रखे थे। उस समय छात्रों के सामने कोई उनका देशीय संकट नहीं था। लेकिन तालिबान की वजह से अब उनका मादरे वतन संकट में है। इस घड़ी में जहां छात्रों को अपने परिजनों की चिंता है, वहीं इनकी जेब में भी कड़की आ चुकी है। अफगानिस्तान में तालिबान की वजह से मची अफरा-तफरी में छात्रों के परिजन इन्हें पैसा नहीं भेज जा पा रहे हैं।