हिन्दू विवाह के दौरान दूल्हा-दुल्हन लेते हैं ये 7 वचन, जानें हर वचन का मतलब
शादी के सात वचन के बीच पति-पत्नी के बीच का पवित्र रिश्ता जुड़ता है। हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार, अग्नि को साक्षी मानकर पति-पत्नी शादी के सात वचन लेते हैं। शादी के सात वचन को मानने पर ही पति-पत्नी का रिश्ता पवित्रता के साथ जुड़ता है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 29 Jan 2018 3:46 PM GMT
Shaadi Ke Saat Vachan
शादी के सात वचन के बीच पति-पत्नी के बीच का पवित्र रिश्ता जुड़ता है। हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार, अग्नि को साक्षी मानकर पति-पत्नी शादी के सात वचन लेते हैं। शादी के सात वचन को मानने पर ही पति-पत्नी का रिश्ता पवित्रता के साथ जुड़ता है।
शादी के सातों वचनों में कन्या अपने होने वाले पति से वचन लेती है कि वह उसे हर समय, हर कार्य में अपने साथ लेते हुए चलें। अगर पुरुष इन वचनों को स्वीकार करता है, तभी स्त्री उसकी अर्धानगी कहलाती है। हिन्दू रीति-रिवाजों के मुताबिक शादी के सात वचन निभाने के बाद ही जोड़ा सात फेरे लेते हैं। जानिए क्या है शादी के सात वचन-
पहला वचन
दूसरा वचन
तीसरा वचन
चौथा वचन
पांचवा वचन
छठा वचन
सातवां वचन
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