Death News : हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर ने दुनिया को कहा अलविदा, ये रिकॉर्ड हैं उनके नाम
हॉकी की दुनिया में अपना नाम कमाने वाले पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का आज सोमवार को निधन हो गया। उनका निधन 96 साल की उम्र में हुआ है।

हॉकी की दुनिया में अपना नाम कमाने वाले पूर्व हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का आज सोमवार को निधन हो गया। उनका निधन 96 साल की उम्र में हुआ है। उन्होंने सुबह साढ़े छह बजे अंतिम सांस ली। वह पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने पद्मश्री हासिल किया था।
भारत के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक बलबीर सिंह सीनियर का दो सप्ताह से अधिक समय तक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बाद सोमवार को निधन हो गया। उनकी बेटी सुशबीर और तीन बेटों कंवलबीर, करनबीर, और गुरबीर है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बलबीर सिंह सीनियर का मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह बीते कई दिनों से बीमार थे। बीमारी के दौरान उन्हें तीन बार दिल का दौरा पड़ा। जिसके बाद वह 18 मई से कोमा में चले गए। उन्हें 8 मई से भर्ती कराया गया था।
उनके पोते कबीर ने जानकारी देते हुए कहा कि दादा जी का आज सुबह निधन हो गया। तीन बार का ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता 18 मई से एक अर्ध-हास्य स्थिति में था और उन्हें बुखार के साथ ब्रोन्कियल निमोनिया के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके इलाज के दौरान तीन कार्डियक अरेस्ट का सामना करना पड़ा।
ओलिंपिक फाइनल में सबसे ज्यादा 5 गोल करने का उनका वर्ल्ड रिकॉर्ड आज भी उनके ही नाम है। बलबीर सिंह सीनियर को 1957 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 2 बलबीर सिंह सीनियर ने 1948, 1952 और 1956 में 3 ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते। वह 1975 में भारत की एकमात्र विश्व कप विजेता टीम के प्रबंधक भी थे।
देश के सबसे निपुण एथलीटों में से एक, प्रतिष्ठित सेंटर-फॉरवर्ड एकमात्र ओलंपिक था, जिसे आधुनिक ओलंपिक इतिहास में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुना गया था। ओलंपिक के पुरुष हॉकी फाइनल में एक व्यक्ति द्वारा बनाए गए। अधिकांश गोलों के लिए उनका विश्व रिकॉर्ड अभी भी नाबाद है। उन्होंने 1952 हेलसिंकी खेलों में स्वर्ण पदक मैच में नीदरलैंड पर भारत की 6-1 की जीत में पांच गोल किए थे।
उन्हें 1957 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। बलबीर सीनियर के तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) में उप-कप्तान, और मेलबर्न (1956) में कप्तान के रूप में आए। वह 1975 में भारत की एकमात्र विश्व कप विजेता टीम के प्रबंधक भी थे। पिछले दो वर्षों में यह चौथी बार था जब पूर्व कप्तान और कोच को गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। पिछले साल जनवरी में बलबीर सीन में ब्रोन्कियल निमोनिया के कारण अस्पताल में तीन महीने से बीमार थे।

Vipin Yadav
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा हरिभूमि में बतौर एक्सप्लेनर के रूप में कार्यरत हूँ। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग में विशेष रुचि है।