Nail Health: नाखून बता देते हैं सेहत की हकीकत! जानें कैसे पकड़ सकते हैं अपनी बीमारी

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नाखूनों में छिपा है सेहत का राज़। 

Nail Health: नाखूनों की स्थिति और बदलता रंग शरीर के अंदर के बदलावों के बारे में बहुत कुछ कहते हैं। जानते हैं नाखूनों से स्वास्थ्य से जुड़ी स्थिति पता करने के टिप्स।

Nail Health: आपके नाखून सिर्फ हाथों की खूबसूरती नहीं बढ़ाते, बल्कि आपकी पूरी सेहत का आईना भी होते हैं। कई बार जब शरीर में कोई कमी शुरू होती है, तो सबसे पहले उसके संकेत नाखूनों पर नजर आते हैं। उनकी सतह, रंग, बनावट और मजबूती सब कुछ आपकी हेल्थ के बारे में बहुत कुछ कह देता है। इसलिए नाखूनों को सिर्फ ब्यूटी का हिस्सा न समझें, बल्कि एक हेल्थ इंडिकेटर की तरह देखें।

अगर आप समय रहते इन संकेतों को पहचान लें, तो कई गंभीर बीमारियों का पता शुरुआती स्टेज में ही लगाया जा सकता है। पोषण की कमी हो, थायराइड की गड़बड़ी हो, ब्लड सर्क्युलेशन कम हो या लिवर से जुड़ा कुछ इश्यू नाखून आपको पहले से चेतावनी दे देते हैं।

नाखून कैसे बताते हैं सेहत की स्थिति?

नाखूनों का फीका पड़ना - आयरन की कमी का संकेत

अगर आपके नाखून पहले जैसे गुलाबी और चमकदार नहीं रहे, बल्कि हल्के सफेद या फीके नजर आने लगे हैं, तो यह आयरन डिफिशियेंसी यानी एनीमिया का संकेत हो सकता है। खून में हीमोग्लोबिन कम होने पर नाखूनों का नैचुरल कलर बदलने लगता है।

नाखूनों का टूटना या चटकना - न्यूट्रिशन की कमी

बार-बार नाखून टूटना, पपड़ी जैसा छिलना या बेहद कमजोर हो जाना बायोटिन, विटामिन B12 और प्रोटीन की कमी की ओर इशारा करता है। यह हार्मोनल बदलाव या थायराइड की दिक्कत का भी संकेत हो सकता है।

नाखूनों पर सफेद दाग - जिंक की कमी या चोट का असर

कई लोगों के नाखूनों पर छोटे सफेद डॉट दिखाई देते हैं। ज्यादातर यह जिंक की कमी के कारण होते हैं, लेकिन कभी-कभी मामूली चोट का असर भी होता है। अगर ये बार-बार दिखें, तो जांच करवाना जरूरी है।

नाखूनों का पीला होना - इन्फेक्शन या फेफड़ों की दिक्कत

बार-बार नेलपेंट लगाने से रंग बदलना आम बात है, लेकिन अगर बिना किसी केमिकल के भी नाखून पीले पड़ रहे हैं, तो यह फंगल इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है। गंभीर मामलों में यह फेफड़ों या लिम्फ सिस्टम की समस्या से भी जुड़ा होता है।

नाखूनों पर खांचे या लाइनें - तनाव या बीमारी के बाद का असर

नाखूनों पर गहरी लाइने शरीर में किसी गंभीर बीमारी, हाई फीवर, कुपोषण या लंबे तनाव का परिणाम होती हैं। ये बताती हैं कि किसी समय आपका शरीर कमजोर हुआ था और नाखूनों का विकास रुक गया था।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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