ऑनलाइन ठगी : फरीदाबाद की महिला से 40 लाख ठगने के तीन आरोपी जयपुर से धरे, मुंबई पुलिस और TRAI अफसर बन डराया था

ऑनलाइन ठगी : फरीदाबाद की एक महिला से 40 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी के मामले में साइबर थाना NIT की पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। ठगों ने खुद को TRAI और मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर महिला को पहले डराया, फिर डिजिटल गिरफ्तारी का झांसा देकर उसकी मेहनत की कमाई हड़प ली। इस साइबर क्राइम को अंजाम देने वाले तीन आरोपियों को जयपुर से गिरफ्तार किया गया है।
ऐसे रची गई फर्जी कहानी
घटना 11 नवंबर 2024 की है, जब ओमेक्स ग्रीन वैली की निवासी महिला को TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के नाम से कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि महिला का मोबाइल नंबर अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है और उसे बंद किया जा रहा है। इसके बाद कॉल को कथित "मुंबई पुलिस" से जोड़ दिया गया। कॉलर ने महिला को बताया कि उसका आधार कार्ड मुंबई के केनरा बैंक के एक खाते से जुड़ा है, जिससे 6 करोड़ रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग हुआ है।
डिजिटल अरेस्ट का डर, और पैसा लूट लिया
आगे बात बढ़ाते हुए ठगों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया और कहा कि जांच पूरी होने तक उसे ऑनलाइन निगरानी में रखा जाएगा। इसके लिए उसे एक मोबाइल ऐप डाउनलोड करने को कहा गया। इस दौरान उसके मोबाइल की सभी गतिविधियों पर ठगों की नजर रही। महिला पर लगातार मानसिक दबाव बनाया गया और धीरे-धीरे उससे 40 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
तीन आरोपी गिरफ्तार
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना NIT की टीम ने त्वरित कार्रवाई की और जयपुर से तीन आरोपियों - गौरव, सन्नी और हर्षित को गिरफ्तार किया।
गौरव के खाते में 2.40 लाख रुपये आए थे। सन्नी ने गौरव से खाता लिया और आगे बढ़ाया। हर्षित ने पूरे रैकेट का डिजिटल लेन-देन संभाला और USDT (क्रिप्टोकरेंसी) के जरिए पैसे विदेश में बैठे मास्टरमाइंड को भेजे।
हाईटेक तरीके से भेजे गए पैसे
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने ठगी की रकम को USDT (Tether) नामक क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर डार्क वेब और विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर किया।
अधिकारी बोले यह सुनियोजित ठगी है
फरीदाबाद साइबर थाना प्रमुख ने बताया कि यह एक सुनियोजित ठगी है, जिसमें कॉल spoofing, फर्जी वेबसाइट और डिजिटल निगरानी का सहारा लिया गया। पीड़िता को भरोसे में लेकर रकम वसूली गई। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर 4 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अब पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है, जो विदेश में बैठकर इस तरह की ठगी को अंजाम दे रहे हैं।
तुरंत सतर्क हो जाएं और 1930 या नजदीकी साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं
इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि साइबर ठग तकनीक और मनोवैज्ञानिक दबाव का इस्तेमाल करके किसी को भी ठग सकते हैं। किसी भी सरकारी या बैंक अधिकारी का कॉल आए और अगर वह पैसे मांग रहा हो, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और 1930 या नजदीकी साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराएं।