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Delhi LG VK Saxena: उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में खाली पड़े प्रधानाचार्यों और उप शिक्षा अधिकारी के 29 पदों पर बहाली के लिए मंजूरी दे दी है। दिल्ली सरकार ने इस खाली पड़े पदों के लिए LG पर लगाया आरोप।

Delhi LG VK Saxena: उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में 2019 से 2021 तक के खाली पड़े प्रधानाचार्यों और उप शिक्षा अधिकारी के 29 पदों पर बहाली करने की मंजूरी दे दी है। राजनिवास ने कहा कि उपराज्यपाल सक्सेना ने छह ऐसे पदों को खत्म करने की सिफारिश भी स्वीकार कर ली, क्योंकि उन्हें पांच साल से अधिक समय तक खाली रहने के कारण 'तत्काल समाप्त' करने की श्रेणी में माना जा रहा था। यह कदम दिल्ली सरकार के वित्त विभाग और प्रशासनिक सुधार (AR) विभाग द्वारा आवश्यक मूल्यांकन करने और गई सिफारिश के बाद उठाया गया है।

244 पदों के लिए मिली मंजूरी

साल 2019 में प्रधानाचार्य और उप शिक्षा अधिकारी के दो पद रिक्त थे और वर्ष 2020 में अन्य दो पद रिक्त हो गए। रिकॉर्ड के अनुसार, 2020 में ऐसे 23 पद रिक्त थे और 2021 में अप्रैल तक दो और पद रिक्त हो गए।

इससे पहले, अप्रैल 2023 में, शिक्षा विभाग ने एआर विभाग द्वारा परीक्षण के बाद, शिक्षा निदेशालय में 126 पदों के रेस्टोरेशन और प्रिंसिपल और उप शिक्षा अधिकारियों के 244 पदों के सृजन के लिए दिल्ली एलजी से मंजूरी प्राप्त की थी। हालांकि, जब उपरोक्त प्रस्ताव एआर, वित्त और योजना विभागों में विचाराधीन था, तो अधिक पद समाप्त माने गए श्रेणी में आ गए और कुछ पदों को रेस्टोरेशन या उन्मूलन के लिए नए सिरे से विचार करने पर भी ध्यान दिया गया।

शिक्षा विभाग के ओर से किया गया प्रस्ताव प्रस्तुत

इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय, शिक्षा विभाग ने उल्लेख किया कि जिस उद्देश्य के लिए ये पद बनाए गए थे, वह अभी भी मौजूद है और विभाग के सुचारू कामकाज के लिए आवश्यक है। वर्तमान में, कार्य का प्रबंधन उप-प्रधानाचार्यों द्वारा किया जाता है और यह एक अस्थायी व्यवस्था है, जिसकी कुछ सीमाएं हैं और इसे लंबे समय तक जारी नहीं रखा जा सकता है।

दिल्ली सरकार ने कहा

LG वी के सक्सेना के द्वारा खाली पड़े प्रधानाचार्यों और उप शिक्षा अधिकारी के 29 पदों को बहाल करने पर दिल्ली सरकार ने कहा है कि पिछले आठ सालों से सेवा विभाग सीधे केंद्र सरकार और एलजी के नियंत्रण में है। सभी भर्ती, स्थानांतरण और नियुक्तियां उनके नियंत्रण में रही है। यह स्पष्ट है कि उन्होंने दिल्ली सरकार और उसके विभागों की उपेक्षा की है।

तथ्य यह है कि इतने सारे पद लगातार उप राज्यपालों की लापरवाही के कारण खाली पड़े थे। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि सेवाओं से जुड़े मुद्दों को निपटाने के लिए एलजी के प्रयासों की सराहना करते हैं। वर्तमान केंद्र सरकार ने सत्ता को तो संभाल ली है, लेकिन उसने इन विभागों की काम में सुधार के लिए वास्तव में कुछ नहीं किया है।   

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