Delhi Election 2025: बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप, साड़ी बांटने को लेकर नई शिकायत दर्ज

BJP Leader Parvesh Verma Wrote Letter to CM Atishi for Sheeshmahal Controversy
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भाजपा नेता प्रवेश वर्मा।
बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा पर मंदिर में मतदाताओं को जूते बांटने के बाद अपने निवास पर महिलाओं को साड़ियां बांटने को लेकर मुकदमा किया गया है। चुनाव ड्यूटी पर तैनात एक एसडीएम स्तर के अधिकारी ने बताया कि कुछ वीडियो सामने आए हैं।

BJP leader Pravesh Verma accused of violating code of conduct: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक और शिकायत दर्ज की गई है। यह शिकायत गुरुवार को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर के पास एक आम नागरिक द्वारा दर्ज कराई गई। आरोप है कि वर्मा ने अपने निवास पर महिलाओं को साड़ियां बांटी हैं।

पहले जूते बांटने पर दर्ज हुई थी शिकायत

इसके पहले, बुधवार को प्रवेश वर्मा पर मंदिर में मतदाताओं को जूते बांटने के आरोप में गैर-संज्ञेय रिपोर्ट दर्ज की गई थी। चुनाव अधिकारी ने इस मामले में पुलिस को वीडियो क्लिप्स सौंपी थीं, जिनमें वर्मा को मतदाताओं को जूते बांटते हुए दिखाया गया था।

वीडियो में साड़ी बांटने का दावा

चुनाव ड्यूटी पर तैनात एक एसडीएम स्तर के अधिकारी ने बताया कि कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिनमें महिलाओं को वर्मा के आवास के बाहर एकत्रित होते और साड़ियां लेकर जाते हुए देखा गया है। यह दावा किया गया है कि महिलाओं को लाल रंग के बैग में साड़ियां दी जा रही थीं। शिकायत को पुलिस के पास भेज दिया गया है और वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की सिफारिश की गई है।

आरोपों पर वर्मा का बचाव

प्रवेश वर्मा से इस संबंध में संपर्क नहीं हो पाया, लेकिन उन्होंने पहले जूते बांटने के आरोपों को खारिज किया था। वर्मा ने कहा था कि उन्होंने मंदिर में सफाईकर्मियों का सम्मान किया और जूते उनके पैरों में रखे, लेकिन किसी को जूते बांटे नहीं। वर्मा ने सफाईकर्मियों को दिल्ली की 'Invisible hero' यानी न दिखने वाले नायक बताते हुए उनके योगदान की सराहना की।

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आचार संहिता और कानून का उल्लंघन

प्रवेश वर्मा पर लगाए गए आरोप भारतीय जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 का उल्लंघन हैं। इसके तहत किसी भी मतदाता को उपहार, प्रलोभन, या वादा करना भ्रष्ट आचरण माना जाता है। चुनाव अधिकारियों ने मामले की गहन जांच की मांग की है।

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