Balyan MCOCA Case: मकोका मामले में आप विधायक नरेश बालियान पहुंचे कोर्ट, HC में दायर की जमानत याचिका

AAP MLA Naresh Balyan arrested by Delhi Police in extortion case
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आप के विधायक नरेश बाल्यान अरेस्ट।
आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नरेश बाल्यान ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज एक मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

AAP MLA Naresh Balyan MCOCA case: आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक नरेश बालियान ने मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट) के तहत दर्ज एक मामले में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। इससे पहले राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बालियान को 4 दिसंबर को मकोका के तहत गिरफ्तार किया गया था और उन पर संगठित अपराध गिरोह से जुड़े होने का आरोप है। उनके वकीलों ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को उनकी याचिका पर सुनवाई कर सकती है।

निचली अदालत ने जमानत याचिका क्यों खारिज की?

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने 15 जनवरी को दिए अपने आदेश में कहा कि बालियान के संगठित अपराध गिरोह से जुड़े होने के पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने कहा कि बालियान, कपिल सांगवान के नेतृत्व वाले अपराध सिंडिकेट के सदस्य के रूप में सक्रिय हैं और उनकी गतिविधियों में सहायक रहे हैं। यह भी पाया गया कि बालियान कथित रूप से सिंडिकेट के सदस्य की गिरफ्तारी से बचने में मदद करने और उन्हें वित्तीय सहायता देने में शामिल थे।

पुलिस और अभियोजन पक्ष के आरोप

दिल्ली पुलिस ने 8 जनवरी की सुनवाई के दौरान बालियान की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया था। विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने तर्क दिया कि बालियान ने संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्यों के लिए सुविधाकर्ता की भूमिका निभाई है। अभियोजन पक्ष ने यह भी चिंता जताई कि अगर बालियान को जमानत दी जाती है, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं, सबूत नष्ट कर सकते हैं और जांच को बाधित कर सकते हैं।

अपराध सिंडिकेट के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले

दिल्ली पुलिस ने कपिल सांगवान के अपराध सिंडिकेट के खिलाफ 16 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें दिल्ली में जबरन वसूली, हिंसा और अन्य आपराधिक गतिविधियों का आरोप लगाया गया है। अभियोजन पक्ष का कहना है कि बालियान ने इस सिंडिकेट की गतिविधियों में सहयोग किया है। हालांकि, बचाव पक्ष का तर्क है कि बालियान को आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए ठोस सबूत नहीं हैं।

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अदालत का सख्त रुख और अगली सुनवाई

निचली अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को पर्याप्त माना और बालियान की जमानत याचिका खारिज कर दी। अब बालियान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की अगली सुनवाई में हाईकोर्ट इस पर अपना फैसला सुना सकता है। इस बीच, पुलिस और अभियोजन पक्ष अपनी दलीलों के साथ इस याचिका का विरोध करने की तैयारी कर रहे हैं।

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