राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने फुटबॉल के दौर पर जताई चिंता, करनी होगी कड़ी मेहनत
भारत को फुटबॉल के बीते दौर को वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।

केन्द्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने आज कोलकात में कहा कि भारत को फुटबॉल के बीते दौर को वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। फीफा अंडर-17 विश्व कप के इतर ओलंपिक रजत पदकधारी राठौड़ ने कहा हमें फुटबाल मे जान डालने के अलावा दूसरे खेलों को भी विकसित करना है।
उन्होंने चुन्नी गोस्वामी के नेतृत्व में 1962 एशियाई खेलों को याद करते हुये कहा कि बहुत से दर्शकों को शायद यह नहीं पता होगा कि हमने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता है और उस टीम के कप्तान बंगाल से ही थे। उन्होंने कहा कि एक समय ओलंपिक में हम 14वें स्थान पर थे।
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यहां के साल्ट लेक स्टेडियम की सुविधाओं से प्रभावित राठौड़ ने कहा कि यहां बुनियादी ढांचा अच्छा है। मैं चाहता हूं कि खिलाड़ी इन सुविधाओं का निरंतर इस्तेमाल करे। अगर सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं होता है तो इसे बनाये रखने का कोई फायदा नहीं। यहां ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को आना चाहिये।
उन्होंने अपने में विचारों खेलों के प्रति .युवाओं को गंभीरता से खेलने पर भी जोर देते हुए कहा कि देश में खेलों का अहम योगदान होता है खेलों के विकास के लिए सरकार निंरतर गंभीरता से काम कर रही है।
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