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साइना नेहवाल कोच पुलेला गोपीचंद : भारत को बैडमिंटन में पहचान दिलाने के लिए गिरवी रख दिया घर

Saina Nehwal Coach Pullela Gopichand : भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल (Saina Nehwal) के अब तक के करियर में उनके कोच पुलेला गोपीचंद (Saina Nehwal Coach Pullela Gopichand) का भी अहम योगदान रहा है। पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) की गिनती देश के सर्वश्रेष्ठ कोचों में होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल के कोच (Saina Nehwal Coach) के बारे में बताने जा रहे हैं।

Saina Nehwal Coach: साइना नेहवाल कोच, जिसने भारत को बैडमिंटन में पहचान दिलाने के लिए गिरवी रख दिया घर
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Saina Nehwal Coach Pullela Gopichand Vimal Kumar

Saina Nehwal Coach Pullela Gopichand Vimal Kumar भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल (Saina Nehwal) अब तक के अपने करियर में कई यादगार उपलब्धि हासिल कर चुकी है। ओलंपिक मेडलिस्ट साइना ने अब तक 24 इंटरनेशनल खिताब जीते हैं, जिसमें ग्यारह सुपरसीरीज खिताब शामिल हैं। साइना नेहवाल के इस ऐतिहासिक सफर में उनके कोच पुलेला गोपीचंद (Saina Nehwal Coach Pullela Gopichand) का भी अहम योगदान रहा है। पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) की गिनती देश के सर्वश्रेष्ठ कोचों में होती है। हालांकि एक समय ऐसा भी आया था जब साइना नेहवाल ने गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी को छोड़ दिया था। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल के कोच (Saina Nehwal Coach) के बारे में बताने जा रहे हैं।


पुलेला गोपीचंद जीवनी (Pulela Gopichand Biography)

वास्तविक नाम : पुलेला गोपीचंद

निक नेम : गोप्स और गोपी

प्रोफेशन : पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी और कोच

पुलेला गोपीचंद हाईट : 6 फिट

पुलेला गोपीचंद वजन : 64 किलोग्राम

पुलेला गोपीचंद छाती : 40 इंच

पुलेला गोपीचंद कमर : 32 इंच

पुलेला गोपीचंद बाइसेप्स : 12 इंच

पुलेला गोपीचंद की आंखों का रंग : काला

पुलेला गोपीचंद के बालों का रंग : काला

बैडमिंटन

पुलेला गोपीचंद का अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू : 1991 में, मलेशिया के खिलाफ

पुलेला गोपीचंद का कोच / मेंटर : एस एम आरिफ और गांगुली प्रसाद

पुलेला गोपीचंद की उपलब्धियां :

1996 में अपना पहला राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियनशिप खिताब जीता

1996 में, उन्होंने विजयवाड़ा में आयोजित सार्क बैडमिन्टन टूर्नामेंट (SAARC Badminton Tournament) में स्वर्ण पदक जीता

2000 तक एक श्रृंखला में पांच बार खिताब जीते

2001 में उन्होंने ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती

2004 में उन्होंने इंडिया एशियन सैटेलाइट टूर्नामेंट जीता

2005 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

2009 में उन्हें भारतीय बैडमिन्टन में योगदान के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त किया।

पसंदीदा शॉट : जंप स्मैश

पुलेला गोपीचंद व्यक्तिगत जीवन

पुलेला गोपीचंद जन्मतिथि : 16 नवंबर 1973

पुलेला गोपीचंद आयु : 46 वर्ष

पुलेला गोपीचंद जन्म स्थान : नागंडला, प्रकाशम, आंध्र प्रदेश, भारत

पुलेला गोपीचंद राशि : वृश्चिक

पुलेला गोपीचंद राष्ट्रीयता : भारतीय

पुलेला गोपीचंद गृहनगर : हैदराबाद, भारत

पुलेला गोपीचंद स्कूल : सेंट पॉल हाई स्कूल, हैदराबाद

पुलेला गोपीचंद कॉलेज : ए वी कॉलेज, हैदराबाद

पुलेला गोपीचंद शिक्षा : ग्रेजुएशन (पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन)

पुलेला गोपीचंद के भाई : राजशेखर गोपीचंद

पुलेला गोपीचंद की बहन : हिमा बिंदू

पुलेला गोपीचंद धर्म : हिंदू

पुलेला गोपीचंद शौक : पढ़ना और योग करना

पुलेला गोपीचंद कॉन्ट्रोवर्सीज : कोई नहीं

पुलेला गोपीचंद मनपसंद भोजन : बिरयानी

पुलेला गोपीचंद पसंदीदा फिल्म : किक (तेलुगु फिल्म)

पुलेला गोपीचंद फेवरेट बुक : द मॉन्क हू सोल्ड हिज फेरारी इन रॉबिन शर्मा

पुलेला गोपीचंद पत्नी : पीवीवी लक्ष्मी (पूर्व बैडमिन्टन खिलाड़ी)

पुलेला गोपीचंद गर्लफ्रेंड : पीवीवी लक्ष्मी और इन्हीं से शादी भी की

पुलेला गोपीचंद की बेटी : गायत्री

पुलेला गोपीचंद का बेटा : विष्णु

पुलेला गोपीचंद की कुल कमाई (Pullela Gopichand Net Worth) : 20 करोड़

साइना नेहवाल के कोच पुलेला गोपीचंद (Saina Nehwal Coach Pullela Gopichand)

साइना नेहवाल के कोच पुलेला गोपीचंद एक पूर्व भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। वर्तमान में वह भारतीय बैडमिंटन टीम के लिए मुख्य राष्ट्रीय कोच हैं। गोपीचंद ने 2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीता और प्रकाश पादुकोण के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बने। अपने खेल कैरियर से संन्यास लेने के बाद पुलेला गोपीचंद ने गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी की शुरुआत की। इस अकादमी से साइना नेहवाल, पीवी सिंधु, साई प्रणीत, पारुपल्ली कश्यप, श्रीकांत किदांबी, अरुंधति पानतावने, गुरुसाई दत्त और अरुण विष्णु सहित कई बैडमिंटन खिलाड़ी निकल चुके हैं।


पुलेला गोपीचंद को पद्म श्री, राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म भूषण, बैडमिंटन के लिए अर्जुन पुरस्कार और बैडमिंटन के लिए कोचिंग में योगदान के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने अपनी खेल उपलब्धियों के लिए कई अन्य पुरस्कार भी जीते हैं। वह छोटी उम्र से ही खेलों में रुचि रखते थे, हालांकि उनका ध्यान क्रिकेट पर अधिक था। अपने खेल कैरियर से संन्यास लेने के बाद पुलेला गोपीचंद ने 2008 में गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी की स्थापना की। ऐसा कहा जाता है कि बैडमिंटन अकादमी खोलने के लिए गोपीचंद ने अपने घर तक को गिरवी रख दिया था। एक प्रसिद्ध उद्योगपति निम्मगड्डा प्रसाद ने बैडमिंटन में भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने की शर्त पर गोपीचंद अकादमी के लिए लगभग 5 करोड़ का डोनेशन दिया था।


गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी से निकले साइना नेहवाल ने 2012 के समर ओलंपिक में कांस्य पदक और 2016 के समर ओलंपिक में पीवी सिंधु ने रजत पदक जीता और साथ ही बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय भी बनी। गोपीचंद ने एक इंटरव्यू में कहा कि इन खिलाड़ियों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के रूप में देखने की खुशी हासिल करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है। बता दें कि गोपीचंद अनुशासन को लेकर काफी सख्त हैं। उन्होंने एक बार खुलासा किया था कि उन्होंने पिछले तीन महीनों से फोन बंद रखने के अलावा पीवी सिंधु को अपने ओलंपिक 2016 अभियान के दौरान करीब दो सप्ताह तक आइसक्रीम और मीठे दही खाने की अनुमति भी नहीं दी थी।

जब साइना नेहवाल ने गोपीचंद का छोड़ा साथ (Saina Nehwal Coach Vimal Kumar)

डेनमार्क में 2014 विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के क्वार्टरफाइनल में हारने के बाद साइना नेहवाल राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद से अलग हो गई थीं। उस समय यह खबर काफी सुर्खियों में रही थी। 2014 में गोपीचंद से अलग होने के बाद साइना ने बेंगलुरु में पूर्व राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच विमल कुमार से कोचिंग लेने का फैसला किया था। विमल कुमार ने साइना को अप्रैल 2015 में वर्ल्ड नंबर 1 रैंकिंग हासिल करने में और विश्व चैम्पियनशिप में रजत जीतने में मदद की।


हालांकि विवादों के बाद एक बार साइना नेहवाल हैदराबाद स्थित गोपीचंद अकादमी में वापस लौट आई। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि वह अपने मुकाम को वापस पाने के लिए दोबारा इस अकादमी में आई हैं। बता दें कि यह पहली बार नहीं था जब दोनों के बीच विवाद हुआ था। इससे पहले 2011 में साइना नेहवाल और गोपीचंद के बीच विवाद इतना बढ़ गया था कि तब गोपीचंद ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि साइना का ध्यान खेल से हटकर ग्लैमर की ओर चला गया है।

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