IND vs SA Test: 'इमोशनल कोच होना अच्छी बात नहीं...' कोहली के जिगरी ने गौतम गंभीर पर बोल दी बड़ी बात

गौतम गंभीर की कोचिंग को लेकर विराट कोहली के दोस्त ने बड़ी बात कही है।
ind vs sa test series: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम के खराब प्रदर्शन के बाद हेड कोच गौतम गंभीर पर सवाल उठ रहे। सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स तक, हर जगह गंभीर की रणनीति पर चर्चा तेज है। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज एबी डिविलियर्स ने गंभीर को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि गंभीर एक इमोशनल इंसान हैं और अगर कोई कोच जरूरत से ज्यादा भावुक हो, तो यह टीम के लिए हमेशा फायदेमंद नहीं होता।
एबी डिविलियर्स, जो अपने खेल के दिनों में गौतम गंभीर को काफी करीब से देख चुके हैं, ने रविचंद्रन अश्विन के साथ बातचीत में कहा, 'मैंने गंभीर को हमेशा एक इमोशनल खिलाड़ी के रूप में जाना है। अगर ड्रेसिंग रूम में भी वह उसी तरह रहते हैं, तो मेरे हिसाब से इमोशनल कोच होना हमेशा अच्छी बात नहीं होती। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह वैसी ही कोचिंग करते हैं। हर कोच की अपनी स्टाइल होती है। कुछ खिलाड़ी पूर्व खिलाड़ियों के साथ ज्यादा सहज रहते हैं, जबकि कुछ ऐसे कोच के साथ भी सहज होते हैं जिन्होंने खेला भले न हो, लेकिन कोचिंग का बड़ा अनुभव हो।'
इमोशनल कोच होना अच्छा नहीं: डिविलियर्स
एबी डिविलियर्स ने यह भी कहा कि कोचिंग में कोई एक फॉर्मूला सही या गलत नहीं होता। हर टीम, हर खिलाड़ी और हर माहौल अलग होता है। इसलिए कोच को उसी हिसाब से अपनी रणनीति तय करनी पड़ती है।
दक्षिण अफ्रीका के कोच की तारीफ
एबी डिविलियर्स ने दक्षिण अफ्रीका के कोच शुक्री कॉनराड की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि कॉनराड ने टीम के अंदर एक शांति और संतुलन का माहौल बनाया है, जिसका असर मैदान पर साफ दिखता है। उनके अनुसार, 'कॉनराड ने टीम में एक ऐसी शांति लाई है जो हर खिलाड़ी को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करती है। उनका शांत स्वभाव ड्रेसिंग रूम में पॉजिटिव माहौल बनाता है।'
गंभीर पर सवाल क्यों?
भारत ने इस टेस्ट सीरीज़ में कई गलतियां कीं हैं। बल्लेबाजी पूरी तरह नाकाम रही। स्पिन गेंदबाज लगातार दबाव नहीं बना पाए। टीम सेलेक्शन को लेकर भी लगातार सवाल उठे। इन सबके बीच गंभीर के कोचिंग स्टाइल पर चर्चा होना स्वाभाविक था। हालांकि, डिविलियर्स के बयान से यह भी साफ होता है कि उन्होंने गंभीर की आलोचना नहीं की, बल्कि सिर्फ एक ईमानदार विश्लेषण दिया है।
क्या आगे बदलेगा माहौल?
भारत का अगले कुछ महीनों में व्यस्त शेड्यूल है। ऐसे में गंभीर और टीम मैनेजमेंट पर दबाव और बढ़ेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम इस हार से सबक लेकर कैसे वापसी करती है।
