Capsicum Plantation: घर की बालकनी में उगाएं शिमला मिर्च, सही देखभाल से होगी भरपूर पैदावार

गमले में शिमला मिर्च उगाने का तरीका।
Shimla Mirch Plantation: आज के समय में लोग घर पर ताजी और कैमिकल-फ्री सब्जियां उगाने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। सीमित जगह होने के बावजूद गमलों में सब्जियां उगाना अब मुश्किल नहीं रहा। शिमला मिर्च ऐसी ही एक सब्जी है, जिसे आप आसानी से अपने घर की बालकनी, छत या आंगन में उगा सकते हैं।
सही बीज, सही मिट्टी और थोड़ी-सी देखभाल से शिमला मिर्च का पौधा अच्छी ग्रोथ करता है और लंबे समय तक फल देता है। खास बात यह है कि गमले में उगी शिमला मिर्च स्वाद और पोषण दोनों में बाजार की सब्जियों से बेहतर होती है। आइए जानते हैं शिमला मिर्च को गमले में उगाने और उसकी देखभाल के आसान तरीके।
शिमला मिर्च लगाने और देखभाल के टिप्स
शिमला मिर्च के लिए सही गमले का चयन: शिमला मिर्च के पौधे की जड़ें गहरी होती हैं, इसलिए कम से कम 10-12 इंच गहरा और चौड़ा गमला चुनें। गमले के नीचे पानी निकास के लिए छेद होना जरूरी है, ताकि पानी जमा न हो और जड़ें सड़ने से बचें।
मिट्टी की तैयारी कैसे करें: शिमला मिर्च के लिए हल्की, भुरभुरी और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है।
मिट्टी मिश्रण इस तरह तैयार करें: 40% बगीचे की मिट्टी, 30% वर्मी कंपोस्ट या गोबर की खाद, 20% रेत या कोकोपीट और 10% नीम खली। यह मिश्रण पौधे की ग्रोथ को तेज करता है।
बीज बोने का सही तरीका: बीज बोने से पहले उन्हें 8-10 घंटे पानी में भिगो दें। इससे अंकुरण जल्दी होता है। अब बीजों को ½ इंच गहराई में बोएं और हल्की मिट्टी से ढक दें। गमले को ऐसी जगह रखें जहां 5-6 घंटे धूप आती हो।
पानी और धूप की जरूरत: शिमला मिर्च के पौधे को ज्यादा पानी पसंद नहीं होता। मिट्टी सूखने पर ही पानी दें। सर्दियों में पानी कम और गर्मियों में थोड़ा ज्यादा देना चाहिए। पौधे को रोजाना कम से कम 5 घंटे सीधी धूप मिलनी जरूरी है।
खाद और पोषण का ध्यान: हर 15-20 दिन में वर्मी कंपोस्ट या घर की बनी तरल खाद डालें। फूल और फल आने के समय पोटाश युक्त खाद देना पौधे के लिए फायदेमंद होता है।
कीट और रोग से बचाव: पौधे पर कीट दिखें तो नीम तेल का स्प्रे करें। ज्यादा नमी से फंगल रोग हो सकते हैं, इसलिए हवा का सही प्रवाह बना रहे।
तोड़ने का सही समय: बीज बोने के लगभग 60-70 दिन बाद शिमला मिर्च तैयार हो जाती है। जब फल का रंग चमकदार और आकार पूरा हो जाए, तब उसे तोड़ लें।
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