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कोरोना वायरस से गायब हुई लोगों की खुशी, क्विज में सवालों के जवाब देकर परखिए कि आप कितने प्रसन्न हैं

आज जो माहौल है, उसमें हमेशा दुखी या विलाप की मुद्रा में रहना अच्छी बात नहीं है। हमें नेगेटिव सोच से उबर कर पॉजिटिव अप्रोच के साथ खुश रहना आना चाहिए, क्योंकि यह मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी है। यहां दिए जा रहे प्रश्नों के उत्तर दीजिए और अपने आपको परखिए कि आप कितनी खुश हैं?

कोरोना वायरस से गायब हुई लोगों की खुशी, क्विज में सवालों के जवाब देकर परखिए कि आप कितने प्रसन्न हैं
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कोरोना वायरस (फाइल फोटो)

इन दिनों जबकि पूरी दुनिया में कोरोना के चलते या तो लॉकडाउन है या एंज्वॉय की ज्यादातर एक्टीविटीज थमी हुई हैं। इसी दौरान संयुक्त राष्ट्र ने वर्ल्ड हैप्पीनेस इंडेक्स 2020 जारी किया है, उससे पता चलता है कि भारत में पिछले एक साल के भीतर काफी लोगों की खुशी गायब हो गई है या यूं कहें कि 2019 में हिंदुस्तान में जितने लोग खुश थे, आज उतने नहीं हैं। 156 देशों की सूची में हमारा 144 वां स्थान है। सवाल है, क्या आप खुश रहती हैं? आइए, इस क्विज के जरिए परखते हैं-

1- आपको सबसे ज्यादा किस बात पर खुशी मिलती है?

क- प्रमोशन।

ख- स्वस्थ रहना।

ग- सबसे अच्छे रिश्ते रहना।

2- क्या आप अपनी नींद खोकर अतिरिक्त कमाना चाहेंगी?

क- क्यों नहीं।

ख- कभी नहीं।

ग- देखेंगे।

3- आपको कौन-सी बात तात्कालिक रूप से सबसे ज्यादा दुखी करती है?

क- पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम।

ख- रुपए का अवमूल्यन।

ग- महामारी की आशंका।

4- लॉकडाउन के दिनों में आपको सबसे ज्यादा किस चीज ने परेशान किया है?

क- मजदूरों का शहरों से गांवों की तरफ मजबूरी में पलायन।

ख- घर में कैद रहने की मजबूरी।

ग- मनपसंद रेस्टोरेंट में न खा पाना।

5- दिल्ली के स्कूलों में शुरू की गई हैप्पीनेस क्लास आपके मुताबिक-

क- एक गैर जरूरी कवायद है।

ख- बहुत सही शुरुआत है।

ग- नतीजे पर निर्भर है।

अंक तालिका

क्र.सं. क ख ग

1- 2 4 5

2- 2 5 3

3- 2 3 0

4- 0 2 3

5- 0 5 3

निष्कर्ष

अगर आपने सभी सवालों को ध्यान से पढ़ा है और उन सवालों के जवाब के रूप में जो विकल्प दिए गए हैं, उन विकल्पों में आपने उसी विकल्प को चुना है, जिनके आप वाकई करीब हैं तो फिर यह जानने के लिए तैयार हो जाइए कि आप कितनी खुश हैं-

क : अगर आपके हासिल कुल अंक 8 या इससे नीचे हैं तो आप वाकई दुखी आत्मा हैं। हो सकता है इसके वाजिब कारण हों, लेकिन यह भी हो सकता है कि दुखी रहना ही आपका स्वभाव हो। जो भी हो आप अपने पर लागू विकल्पों पर ध्यान से सोचिए और इस स्थिति से बाहर आइए।

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ख : अगर आपके कुल हासिल अंक 8 से ज्यादा लेकिन अधिकतम 15 या इससे कम हैं तो आप काफी समझदार हैं। सुख-दुख का वरीयता क्रम भी समझती हैं। बावजूद इसके कई ऐसी बातों के लिए आप परेशान रहती हैं, जिन्हें गहराई से समझें तो परेशान नहीं होंगी। मौका मिले तो ऐसा करके देखें।

ग : अगर आपके कुल हासिल अंक 15 से ज्यादा हैं तो आप पर दुखी रहने का इल्जाम नहीं लगाया जा सकता। आप खुशनुमा स्वभाव की मलिका हैं। आप न सिर्फ खुद-खुश रहती हैं बल्कि अपने इर्द-गिर्द के लोगों को भी खुश रखती हैं। बेहतर है आप अपने कुछ गुण उन्हें भी दें, जो आपके जानने वाले हैं और खुश नहीं हैं।

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Shagufta Khanam

Shagufta Khanam

Jr. Sub Editor


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